छत्तीसगढ़

गरीब महिला व बच्चों से मिली राष्ट्रपति मुर्मू:कहा- जीवन का अमूल्य क्षण, जिंदगी भर याद रहेगा, महिला बोलीं- संबलपुरी साड़ी देख कर रूकवाया काफिला

देश की राष्ट्रपति का काफिला आपके घर के सामने से गुजर रहा हो और राष्ट्रपति अचानक पूरा कारकेट रूकवाकर आपके घर के सामने आकर खड़ी हो जाए, यह नजारा देखकर आपको कैसा लगेगा। हैं न चौंकाने वाली बात। लेकिन, शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बिल्कुल ऐसा ही हुआ। राष्ट्रपति मुर्मू अपने प्रवास के दौरान संबलपुरी साड़ी पहनी महिला कंचन चित्रकार को देखकर अचानक अपना काफिला रूकवा दी और गाड़ी से उतरकर उनसे मिलने पहुंची और उनका हाल जाना। इस दौरान उन्होंने परिवार व आसपास के स्कूली बच्चों को टॉफी भी बांटे।

चित्रकार परिवार व मोहल्ले के बच्चों को राष्ट्रपति मुर्मू ने काफिला रोककर टॉफी बांटे।
चित्रकार परिवार व मोहल्ले के बच्चों को राष्ट्रपति मुर्मू ने काफिला रोककर टॉफी बांटे।

दरअसल, राष्ट्रपति मुर्मू सेंट्रल यूनिवर्सिटी की दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंची थीं। इससे पहले वे रतनपुर स्थित महामाया देवी दर्शन करने के लिए पहुंची, जहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा अर्चना की। देवी आराधना के बाद राष्ट्रपति मुर्मू वापस सेंट्रल यूनिवर्सिटी लौट रहीं थीं। तभी उनकी नजर एक मकान में पड़ी, जहां कंचन चित्रकार नाम की महिला संबलपुरी साड़ी पहनी हुई थी। उन्होंने तत्काल अपना काफिला रूकवाया और अपनी कार से उतर कर सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए सीधे महिला से मिलने पहुंच गई। इस दौरान राष्ट्रपति ने उनसे बातचीत की और परिवार के साथ ही आसपास के स्कूली बच्चों को टॉफी भी बांटे।

कंचन चित्रकार को राष्ट्रपति को देखने की इच्छा थी। लेकिन, उनसे मिलने के बाद खुशी का ठिकाना नहीं था।
कंचन चित्रकार को राष्ट्रपति को देखने की इच्छा थी। लेकिन, उनसे मिलने के बाद खुशी का ठिकाना नहीं था।

महिला बोलीं- संबलपुरी साड़ी देख पहचान कर रूकीं राष्ट्रपति
कंचन चित्रकार ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महामाया मंदिर गईं, तब उन्हें देखने के लिए दरवाजे में बैठीं थीं। जाते समय वह सीधे चली गई, वह देख नहीं पाई थी। उनके आने का इंतजार था। पता नहीं यहां आने के बाद अचानक उनका काफिला रूक गया और राष्ट्रपति उनसे मिलने आ गईं। वे ओड़िशा की रहने वाली हैं। हम लोग भी मूलत: ओड़िशा से हैं। मैं संबलपुरी साड़ी पहनी थी। शायद इसी वो पहचान कर रूकीं होंगी।

राष्ट्रपति मुर्मू ने महामया देवी की विधि विधान से पूजा अर्चना की और देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना कीं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने महामया देवी की विधि विधान से पूजा अर्चना की और देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना कीं।

हम इस क्षण को जीवन भर नहीं भूल पाएंगे
चित्रकार परिवार की बच्ची किरण चित्रकार दसवीं कक्षा की छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि रतनपुर प्रवास के दौरान राष्ट्रपति से मिलकर वह और परिवार के सदस्य अभिभूत हो गए। किरण ने कहा कि सपने में भी नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति से मिलने का कभी मौका मिलेगा। हम और परिवार के लोग इस अमूल्य क्षण को जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।

स्कूली बच्चों ने भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रपति से मुलाकात कर पेंटिंग भेंट की।
स्कूली बच्चों ने भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रपति से मुलाकात कर पेंटिंग भेंट की।

महामाया मंदिर में राष्ट्रपति के लिए तोड़ी परंपरा

रतनपुर स्थित महामाया मंदिर में भी पहली बार परंपरा तोड़कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वागत के लिए महामाया देवी का राजश्री श्रृंगार किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी नेता के आने पर महामाया मंदिर का राजश्री श्रृंगार किया गया हो। आमतौर पर परंपरा के अनुसार साल में केवल तीन बार नवरात्रि पर्व की नवमीं तिथि और दीवापली त्योहार पर महामाया देवी का राजश्री श्रृंगार किया जाता है। लेकिन, शुक्रवार को राष्ट्रपति मुर्मू महामाया देवी की पूजा अर्चना करने पहुंची, तब मंदिर प्रबंधन समिति ने महामाया देवी का राजश्री श्रृंगार किया था।

News Desk

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