मोदी के चेहरे पर भाजपा की जीत का प्लान:6 महीने में MP का 7वां दौरा, अब तक 22 जिलों की 94 विधानसभा सीटें कवर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 6 महीने में 7वीं बार 25 सितंबर को मध्यप्रदेश दौरे पर आए। उन्होंने भोपाल के जंबूरी मैदान में भाजपा के कार्यकर्ता महाकुंभ को संबोधित किया। मध्यप्रदेश में भाजपा ने अब तक किसी को सीएम फेस घोषित नहीं किया है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के चेहरे को सामने करके ही भाजपा चुनाव मैदान में उतर रही है।
भाजपा ने ‘एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी’ को चुनाव की थीम और इस पर गाना लॉन्च कर ये बता दिया है कि इस बार एमपी का पूरा चुनाव पीएम मोदी के इर्द-गिर्द केंद्रित रहेगा। मोदी अपने 6 दौरों से प्रदेश के 22 जिलों की 94 विधानसभा सीटों को कवर कर चुके हैं। वे अपने भाषण में गरीब, दलित, आदिवासी, पसमांदा मुसलमानों का जिक्र कर चुके हैं। भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को लेकर वे कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों पर हमलावर भी दिखे।
भोपाल के जंबूरी मैदान पर सोमवार को होने जा रहा भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ चुनाव से पहले भाजपा का सबसे बड़ा शो बताया जा रहा है। प्रदेश के पांच स्थानों से शुरू हुई जन आशीर्वाद यात्राओं का भी समापन जंबूरी मैदान में हुआ। इसमें प्रदेश की सभी 230 विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के कार्यकर्ता बुलाए गए थे। मतलब साफ है कि पीएम के यहां से दिए गए सियासी संदेश का असर पूरे प्रदेश में हाेगा।
आखिर पीएम मोदी और भाजपा के लिए एमपी इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं? पीएम के लगातार दौरे से पार्टी क्या हासिल करना चाहती है? कांग्रेस पीएम के लगातार दौरे पर क्यों निशाना साध रही है। दैनिक भास्कर के मंडे स्पेशल स्टोरी में जानेंगे कि पीएम के सभी छह दौरे से पार्टी को क्या हासिल हुआ?
मध्यप्रदेश के साथ ही इसके सीमावर्ती राजस्थान और छत्तीसगढ़ के साथ दक्षिण के तेलंगाना और पूर्वोत्तर के मिजोरम में भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। 6 से 17 अक्टूबर के बीच कभी भी चुनावी आचार संहिता लागू हो सकती है। इसके बहुत पहले ही पीएम इन राज्यों में सक्रिय हो गए हैं। पिछले छह महीने से वे लगातार चुनावी राज्यों में दौरे कर रहे हैं।
पीएम ने 1 अप्रैल के बाद से अब तक सबसे अधिक दौरे एमपी में किए। दूसरे नंबर पर राजस्थान है। यहां एक ही दिन में दो सभाओं के साथ अब तक पांच कार्यक्रम पीएम के हो चुके हैं। तेलंगाना में तीन, छत्तीसगढ़ में दो दौरे पीएम के हो चुके हैं। एक मात्र मिजोरम ही बचा है, जहां पीएम अब तक नहीं जा सके हैं। ये माना जा रहा है कि चुनाव आचार संहिता लागू हाेने के बाद भी प्रधानमंत्री की चुनावी सभाएं आयोजित होंगी।
जबलपुर और छतरपुर में भी पीएम का दौरा प्रस्तावित
बीजेपी मध्यप्रदेश का रण पीएम मोदी के चेहरे के दम पर जीतने की कवायद में जुटी है। यही कारण है कि पीएम ने चुनाव से पहले ही प्रदेश के बुंदेलखंड, बघेलखंड और मध्य क्षेत्र को एक तरह से मथ दिया है।
मोदी 5 अक्टूबर को जबलपुर में रानी दुर्गावती के 500वें जन्मदिवस पर उनके स्मारक के भूमिपूजन के लिए भी आएंगे। साथ ही छतरपुर में केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारिशला भी रखेंगे।
पीएम मोदी अपने भाषणों में गरीब, महिलाओं, दलित-आदिवासियों की बात करते हैं। उनके विकास की योजनाएं लॉन्च कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा को भरोसा है कि पीएम के चेहरे की बदौलत वह एंटी इनकंबेंसी का मुकाबला आसानी से कर लेगी। पार्टी के अलग-अलग धड़े भी एकजुट रहेंगे।
पहले पढ़ लें पीएम के छह महीने के दौरे को
- 1 अप्रैल को रानी कमलापति से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने पहुंचे थे।
- 24 अप्रैल को रीवा में पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे।
- 27 जून को भोपाल में वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ और कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे।
- 1 जुलाई को शहडोल में आयुष्मान, सिकलसेल मुक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ और आदिवासियों से संवाद करने पहुंचे थे।
- 12 अगस्त को सागर में संत रविदास मंदिर एवं संग्रहालय के भूमिपूजन में पहुंचे थे।
- 14 सितंबर को सागर जिले के बीना में पेट्रो केमिकल और रिफाइनरी विस्तारीकरण कार्यक्रम की आधारशिला रखने पहुंचे थे।
भोपाल में कहा- कांग्रेस एक ही परिवार को देश का प्रथम परिवार मानती रही
पीएम मोदी ने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रेन को दिल्ली के लिए हरी झंडी दिखाई थी। मोदी ने इस अवसर पर कहा कि “एक अप्रैल के इस कार्यक्रम पर हमारे कांग्रेस के मित्र यह बयान जरूर देंगे कि ये मोदी तो ‘अप्रैल फूल’ बना रहा है, लेकिन आप देखिए… एक अप्रैल को ही यह ट्रेन चल पड़ी है। कांग्रेस एक ही परिवार को देश का प्रथम परिवार मानती रही। पहले की सरकारें वोटों के तुष्टीकरण में जुटी हुई थी और हम देशवासियों के संतुष्टीकरण के लिए समर्पित हैं।