
रायपुर। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अब प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर अत्याधुनिक ऑटोमैटिक वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जिनसे यात्री 24 घंटे किसी भी समय पानी, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, बिस्किट व अन्य पैक्ड स्नैक्स निर्धारित दर पर खरीद सकेंगे। इससे यात्रियों को न सिर्फ ओवररेटिंग से राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें एक सुलभ, पारदर्शी और भरोसेमंद सेवा भी मिलेगी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इन मशीनों की शुरुआत बिलासपुर स्टेशन से की जा चुकी है। आने वाले दिनों में इसे रायपुर, दुर्ग सहित अन्य प्रमुख स्टेशनों पर भी स्थापित किया जाएगा। यह सुविधा अब तक केवल मेट्रो स्टेशनों और एयरपोर्ट पर देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह रेलवे स्टेशनों पर भी सुलभ होगी।
कैसे काम करेंगी ये मशीनें?
यह वेंडिंग मशीनें पूरी तरह डिजिटल तकनीक पर आधारित हैं। यात्री मशीन की टच स्क्रीन पर अपनी पसंद का उत्पाद चुन सकते हैं और भुगतान के लिए UPI, QR कोड या डेबिट/क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। पेमेंट होते ही चयनित आइटम कुछ ही सेकंड में मशीन से बाहर आ जाएगा। मशीनें बिना किसी स्टाफ या काउंटर के स्वत: संचालित होंगी।
रात में भी खाना अब आसानी से मिलेगा
रेलवे स्टेशनों पर देर रात अक्सर दुकानें बंद हो जाने के कारण यात्रियों को खाने-पीने की चीजें मिलना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था शुरू की गई है। अब यात्रियों को न तो प्लेटफॉर्म छोड़ना होगा, न लंबी कतारों में लगना पड़ेगा, और न ही छुट्टे पैसों की चिंता होगी।
स्वच्छता को भी मिलेगा बढ़ावा
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे उपयोग किए गए पैकेट और अन्य कचरे को डस्टबिन में ही डालें, जिससे स्टेशन की स्वच्छता और सफाई व्यवस्था बनी रहे। यह पहल न केवल सुविधाजनक है, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान को भी आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
क्या है लागत और योजना का दायरा?
एक वेंडिंग मशीन की लागत लगभग 3 लाख से 6 लाख रुपये के बीच बताई जा रही है। यह योजना रेलवे की दीर्घकालिक यात्री सुविधा योजना का हिस्सा है, जिससे देशभर में रेलवे स्टेशनों को टेक्नोलॉजी-सक्षम और यात्री अनुकूल बनाया जा सके।