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शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति पत्र से नौकरी: 9 कर्मचारियों के नाम आए सामने, तीन साल से उठा रहे थे वेतन

मोहला-मानपुर। शिक्षा विभाग में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसमें नौ लोगों ने फर्जी नियुक्ति पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। ये सभी पिछले 38 महीनों से शिक्षा विभाग में कार्यरत थे और नियमित कर्मचारियों की तरह सरकारी वेतन भी प्राप्त कर रहे थे।

इस घोटाले का भंडाफोड़ अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुखराम साहू और मोतीलाल हिरवानी ने किया। प्रेस वार्ता में उन्होंने दस्तावेजों के साथ बताया कि इन नियुक्तियों के लिए न कोई विज्ञापन निकाला गया, न कोई परीक्षा या साक्षात्कार आयोजित किया गया। फर्जी नियुक्ति पत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य शिक्षा आयोग के सचिव ओ.पी. मिश्रा के हस्ताक्षर दिखाए गए हैं, लेकिन मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया।

इन पदों पर हुई थी फर्जी नियुक्ति

इन फर्जी कर्मचारियों को डाटा एंट्री ऑपरेटर और सहायक ग्रेड-3 के पदों पर नियुक्त किया गया था। इन पदों का ग्रेड पे ₹1900 से ₹2400 तक है।

कई अधिकारी जांच के घेरे में

जांच में यह भी सामने आया है कि इन नियुक्ति पत्रों के आधार पर संबंधित कर्मचारियों को जॉइनिंग, सेवा पुस्तिका, और वेतन भुगतान जैसी सभी प्रक्रियाएं बिना किसी सत्यापन के पूरी कर दी गईं। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संबंधित प्राचार्य और जिला कोषालय अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज

मोहला-मानपुर के विधायक इंद्र शाह मंडावी ने मामले को गंभीर बताते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी फत्तेराम कोसरिया ने कहा है कि उन्हें अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। शिकायत प्राप्त होते ही उचित जांच की जाएगी।

Ankita Sharma

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