दो दिन में दूसरा बड़ा झटका: एक करोड़ की इनामी नक्सली CC मेंबर सुजाता ने किया आत्मसमर्पण


रायपुर। नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में चल रहे विशेष अभियान के तहत सुरक्षा बलों को लगातार बड़ी सफलता मिल रही है। दो दिनों के भीतर नक्सली संगठन को दो बड़े झटके लगे हैं। तेलंगाना में माओवादी सेंट्रल कमेटी की सदस्य और एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली सुजाता ने आत्मसमर्पण किया है, वहीं छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में मुठभेड़ के दौरान मोस्ट वांटेड नक्सली मनोज बालकृष्ण को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है।
गरियाबंद मुठभेड़ में ढेर हुआ मनोज बालकृष्ण
गुरुवार को गरियाबंद जिले के मैनपुर इलाके में सीआरपीएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन चलाया। जंगल में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने भी मोर्चा संभालते हुए माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य मनोज बालकृष्ण समेत 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया। मनोज पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था और वह लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय था।
राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस सफल अभियान के लिए जवानों को बधाई दी और दोहराया कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा।
सुजाथा ने किया सरेंडर
इस बीच, तेलंगाना में एक और बड़ी सफलता मिली है। नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी सदस्य और एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली सुजाथा उर्फ सुजाथक्का (पोथुला कल्पना उर्फ पद्मा उर्फ झांसी बाई) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। दशकों पहले पश्चिम बंगाल में मारे गए शीर्ष नक्सली किशनजी की पत्नी बताई जाने वाली सुजाता के आत्मसमर्पण को नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका और पुलिस के लिए अहम उपलब्धि माना जा रहा है।
तेलंगाना पुलिस और छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री सह गृहमंत्री विजय शर्मा ने सुजाथा के आत्मसमर्पण की पुष्टि की है।
नक्सलियों की संख्या में तेजी से कमी
गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सल मामलों की समीक्षा के दौरान बताया कि अब तक मुठभेड़ों, गिरफ्तारी और आत्मसमर्पण के जरिए करीब 4 हजार नक्सलियों की संख्या घट चुकी है। आने वाले छह महीनों में इतने ही और नक्सलियों की संख्या कम होने का अनुमान है। उन्होंने चेतावनी दी कि बचे हुए नक्सली या तो आत्मसमर्पण करें या गिरफ्तार होंगे, क्योंकि सुरक्षा बल लगातार उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहे हैं।






