छत्तीसगढ़धर्म और आस्थासमाचार

छत्तीसगढ़ में छठ महापर्व की धूम: रायपुर से बिलासपुर तक सजे घाट, आज शाम व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को देंगी अर्घ्य

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रायपुर। लोक आस्था के महापर्व छठ की रंगत से पूरा छत्तीसगढ़ भक्ति और उत्साह में सराबोर है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई समेत प्रदेश के तमाम जिलों में छठ घाटों पर सजावट, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। चार दिवसीय इस पर्व का आज तीसरा दिन है — जब व्रती महिलाएं और पुरुष संध्या काल में डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे।

राजधानी रायपुर के महादेव घाट, कुशाभाऊ ठाकरे तालाब और आमापारा तालाब को दुल्हन की तरह सजाया गया है। नगर निगम और प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई, सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था की व्यापक तैयारी की है। घरों में पारंपरिक मिट्टी के चूल्हे बन चुके हैं, गेहूं-चावल धोकर सुखाए जा चुके हैं और ठेकुआ, रसीया, फल और प्रसाद की तैयारी अंतिम चरण में है।

बिलासपुर में अरपा नदी तट स्थित पूर्व छठ घाट पर सुबह से श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई। घाट समितियों ने भव्य तोरणद्वार, फूल-मालाओं और रोशनी से पूरा परिसर सजा दिया है। वहीं दुर्ग जिले में प्रशासन ने सभी प्रमुख तालाबों और घाटों पर व्यवस्था सुनिश्चित की है। कलेक्टर अभिजीत सिंह ने स्वयं कई घाटों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। भिलाई के 20 से अधिक और दुर्ग के करीब 10 तालाबों पर आज शाम अर्घ्य का आयोजन होगा।

मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत संपन्न होगा। दुर्ग-भिलाई के सुपेला, राधिका नगर, सेक्टर-7, बैंकुठधाम और सूर्यकुंड तालाबों पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा होने की संभावना है।

इधर बाजारों में भी छठ पूजा का उत्साह चरम पर है। दौरा, सूप, केले, मौसमी फल, गन्ना, दीपक और पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर भीड़ उमड़ रही है। घाटों पर रंग-बिरंगी रोशनी और संगीत के बीच शाम को जब व्रती महिलाएं जल में खड़ी होकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करेंगी, तो आस्था, भक्ति और लोक परंपरा का अनुपम संगम देखने को मिलेगा।

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Editorial Desk

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