पूर्व विधायक मोहम्मद अकबर के करीबी पर फर्जी मतदाता नाम जोड़ने का आरोप, दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज

कवर्धा। विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में फर्जी नाम जुड़वाने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। पूर्व मंत्री एवं कवर्धा के पूर्व विधायक मोहम्मद अकबर के करीबी दो व्यक्तियों पर निर्वाचन सूची में फर्जी नाम जोड़ने का आरोप लगा है। इस संबंध में भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस ने धारा 199, 200, 419, 468, 34 भा.दं.सं. के तहत एफआईआर दर्ज की है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी ने प्रेस वार्ता में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने जनमत को प्रभावित करने के लिए बाहरी व्यक्तियों के नाम कवर्धा विधानसभा की मतदाता सूची में फर्जी तरीके से शामिल कराए। उन्होंने बताया कि भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता रवि राजपूत की मेहनत से इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। प्रारंभिक जांच में दो फर्जी मतदाताओं के नामों की पुष्टि हुई है, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, जबकि सैकड़ों अन्य नामों की जांच जारी है।
कैलाश चंद्रवंशी ने कहा, “पूर्व विधायक अकबर अपने ही कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं करते थे। इसी कारण बाहरी लोगों को निर्वाचन क्षेत्र में बनाए रखने और मतदान के दिन उनका उपयोग करने की योजना के तहत फर्जी तरीके से नाम जोड़े गए।”
उन्होंने बताया कि आरोपियों में तैय्यब खान पिता मुन्नू खान, जिनका नाम पहले से रायपुर उत्तर विधानसभा (क्रमांक 50) के बूथ क्रमांक 136 में दर्ज था, ने कवर्धा विधानसभा के बूथ क्रमांक 363 में अपने नाम को दोबारा दर्ज कराया। आरोप है कि उन्होंने फॉर्म-6 में गलत जानकारी देते हुए अपने जन्म वर्ष और पते में हेराफेरी की। इसी तरह रमिज कुट्टी पिता गग्रिन कुट्टी, जिनका नाम पहले से रायपुर ग्रामीण (क्रमांक 48) की मतदाता सूची में था, ने भी कवर्धा में नया नाम जुड़वाया। जबकि उनके पासपोर्ट में जन्मस्थान त्रिशुर, केरल दर्ज है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि दोनों ही व्यक्ति पूर्व विधायक मोहम्मद अकबर और उनके पुत्र अरशद के करीबी हैं। इन पर निर्वाचन प्रक्रिया में धोखाधड़ी और गलत शपथपत्र देकर मतदाता सूची में नाम जोड़वाने का आरोप है।
कैलाश चंद्रवंशी ने कहा कि, “हमारे पास ऐसे सैकड़ों फर्जी नामों की सूची है। जांच के बाद अन्य मामलों में भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यह लोकतंत्र के साथ गंभीर खिलवाड़ है और प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।”
इस मामले में भाजपा के जिला महामंत्री संतोष पटेल ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, “जो पार्टी पूरे देश में ईवीएम और चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाती है, वही सत्ता में रहते हुए निर्वाचन प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा करती रही है। यह उनकी दूषित मानसिकता और लोकतंत्र पर अविश्वास का प्रमाण है।”
पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था, लेकिन भाजपा नेताओं का कहना है कि अब सबूतों के साथ सच्चाई सामने आ चुकी है।
भाजपा ने जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग से सघन जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति जनमत को प्रभावित करने के लिए ऐसे कृत्य न कर सके।
 
 

 
						





