भूपेश बघेल मुश्किलों में घिरते नज़र आ रहे है।
रायपुर। राजनांदगांव लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल मुश्किलों में घिरते नज़र आ रहे है। चुनाव प्रचार में उन्हें स्थानीय कार्यकर्ताओं का साथ नहीं मिल रहा है। स्थानीय कार्यकर्ता साफ़ तौर पर यह कहते सूने जा रहे है कि जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं को भूपेश के साथ रहते फायदा हुआ है वही उनका प्रचार करें। स्थानीय कार्यकर्ता तो दूर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायकों के इलाकों में भी कार्यकर्ता खुलकर प्रचार नहीं कर रहे है। पूर्व मंत्री और विधायक मोहम्मद अकबर भी चुनाव प्रचार के लिए मैदान में नहीं उतर रहे है। जिस विधानसभा क्षेत्र में पिछले 15 सालों से प्रतिनिधित्व कर रहे है उन इलाकों में भी जाने से डर रहे है। विधायकों और कार्यकर्ताओं का बराबर साथ नहीं मिलने से भूपेश बघेल चुनाव प्रचार में पिछड़ते जा रहे है। इसकी झुंझलाहट भी चुनाव प्रचार के दौरान भूपेश के चेहरे के पर साफ़ नज़र आ रही है। भूपेश के साथ-साथ गिरीश देवांगन का भी क्षेत्र में भारी विरोध हो रहा है।राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक बीजेपी के पक्ष में बयार बह रही है, मोदी गारंटी और महतारी वंदन योजना ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेर दिया है। राज्य में पीएम मोदी समेत बीजेपी के अन्य स्टार प्रचारकों की रैलियों और सभाओं से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस भी बीजेपी को पटकनी देने के लिए जोर शोर से जुटी हुई है। राहुल गांधी ने बस्तर में चुनावी सभा लेकर बीजेपी को घेरने की जमकर कोशिश की, लेकिन मोदी गारंटी ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। कयास लगाया जा रहा है कि अब की बार कांग्रेस का कहीं सूपड़ा ना साफ हो जाए ? यदि चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में आते हैं तो कोई हैरत की बात नही, राज्य की सभी 11 सीटों पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है।