स्कूल यूनिफॉर्म के रंग में बदलाव: नए सत्र से बच्चे पहनेंगे चेक ब्लू शर्ट और स्लेटी पैंट-ट्यूनिक, 58 लाख गणवेश की सिलाई शुरू

रायपुर। आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 से प्रदेशभर के शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राएं नई डिजाइन और रंग की यूनिफॉर्म में दिखाई देंगे। शिक्षा विभाग ने लंबे समय से लंबित यूनिफॉर्म बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब तक प्रचलित आसमानी शर्ट और नेवी ब्लू पैंट/ट्यूनिक के स्थान पर विद्यार्थियों को नीले रंग की चेक शर्ट और स्लेटी रंग की पैंट व ट्यूनिक दी जाएगी।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नए रंग की यूनिफॉर्म मौजूदा सत्र से लागू की जानी थी, लेकिन पिछले वर्ष सिलाई करवाई गई बड़ी मात्रा में पुरानी यूनिफॉर्म के स्टॉक के कारण इसे पूरे प्रदेश में एकसाथ लागू नहीं किया जा सका। इस कारण वर्ष 2025-26 में केवल बिलासपुर और सरगुजा संभाग के स्कूलों में नए परिधान वितरित किए गए हैं, जबकि रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभागों में अगले सत्र से इसका वितरण किया जाएगा।
जनवरी माह में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यूनिफॉर्म के रंग और गुणवत्ता दोनों में सुधार करने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के आधार पर शिक्षा विभाग ने चरणबद्ध तरीके से बदलाव की कार्ययोजना तैयार की है।
58 लाख गणवेश तैयार होंगे
राज्य में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले लगभग 29 लाख बच्चों को दो सेट यूनिफॉर्म उपलब्ध कराए जाते हैं। आगामी सत्र के लिए कुल 58 लाख गणवेश की सिलाई की जाएगी। शासन ने इस कार्य का दायित्व हथकरघा विकास एवं विपणन संघ को सौंपा है। संघ के माध्यम से जिले-जिले के महिला स्व सहायता समूहों को सिलाई का काम दिया गया है। करीब 2,000 महिला समूह इस बड़े कार्य में भागीदारी निभाएंगे। उन्हें वस्त्र बुनकर समितियों द्वारा कपड़ा उपलब्ध कराया जाएगा।
15 जून तक स्कूलों में पहुंचेगी सप्लाई
हथकरघा विकास एवं विपणन संघ के सचिव एम.एम. जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी विद्यालयों तक 15 जून 2026 से पहले यूनिफॉर्म की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए दिसंबर से ही बड़े पैमाने पर सिलाई कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा, ताकि समय पर सभी छात्रों को नए रंग की यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जा सके।
नए परिधान के साथ बेहतर गुणवत्ता का वादा करते हुए विभाग का दावा है कि इस बार गणवेश न केवल आकर्षक दिखेगी, बल्कि टिकाऊ भी होगी। प्रदेशभर के छात्र आगामी सत्र में नई पहचान के साथ स्कूल पहुंचेंगे।





