परीक्षा परिणामों से उत्पन्न तनाव से स्टूडेंट्स को बाहर निकालने एक्टिव हुए कलेक्टर अवनीश शरण, वीडियो
बिलासपुर। आगामी सप्ताह कक्षा दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे. परीक्षा परिणाम घोषित होने के पूर्व तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, किंतु कई बच्चे बेहतर परीक्षा परिणाम नहीं आने के कारण तनाव के कारण अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। यह समय बच्चों और उनके पालकों के लिए अत्यंत संवेदनशील होता है।
बिलासपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने परीक्षा परिणाम को लेकर विद्यार्थियों में होने वाले तनाव को दूर करने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनाई है। इस संबंध में आज उन्होंने जिले केसभी 426 शासकीय एवं अशासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों के प्राचार्यों कीवर्चुअल बैठक ली। कलेक्टर महोदय ने विद्यार्थियों को तनाव से दूर करने हेतु प्राचार्यों कोएक अच्छे माहौल बनाने की जरूरत पर विशेष जोर दिया, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्राचार्य और शिक्षक सभी सम्मिलित होंगे।
अवनीश शरण ने प्राचार्यों को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों कोव र्तमान में काउंसलिंग की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि “होप फॉर द बेस्ट बट प्रिपेयर फॉर वर्स्ट”.
कलेक्टर ने बच्चों के तनावग्रस्त होने के प्रमुख कारणों के संबंध में कहा कि बच्चों का खुद की महत्वाकांक्षा (एक्सपेक्टेशन), साथियों से तुलना, शिक्षकों द्वारा कक्षा में विद्यार्थियों पर डाले गए दबाव एवं पालको और पड़ोसियों का प्रेशर बच्चों को ज्यादा तनावग्रस्त करता है।
इसके लिए ब्लॉकऔर स्कूल के सभी अधिकारी कर्मचारी एक-एक बच्चों तक पहुंचे और यदि बच्चों में तनाव के कोई भी लक्षण है तो उन्हें दूर करने का प्रयास करें। कलेक्टर बिलासपुर के द्वारा विद्यार्थियों को तनाव मुक्त करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है,
जिसके अंतर्गत दिनांक 29 अप्रैल 2024 से 5 मई 2024 तक बिलासपुर जिले के आधिकारिक फेसबुक पेज के द्वारा सुबह 9:00 बजे से एवं सॉंय पांच बजे से कलेक्टर , पुलिस अधीक्षक सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी, विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रमुख शिक्षाविद मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक बच्चों से सीधे संवाद करेंगे। फेसबुक लाइव पेज को ज्वाइन करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला प्रशासन के फेसबुक पेज का लिंक सभी विद्यालयों को शेयर किया गया है।
कलेक्टर महोदय निर्देशित किया है कि फेसबुक लाइव का लिंक सभी पालकों एवं बच्चों व्हाट्सएप ग्रुप में भेजें और बच्चों तथा उनके पालक दोनों को फेसबुक लाइव से जोड़ने हेतु प्रेरित करें। किसी भी बच्चे अथवा उसके पालक को कोई भी समस्या है तो वह तत्काल मनोवैज्ञानिकों से और जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
यदि कोई बच्चा या पालक फेसबुक पेज में लाइव या सीधा नहीं जुड़ पता है तो बाद में लिंक के माध्यम से मोटिवेशनल स्पीच को देख सकता है।
कलेक्टर ने सभी प्राचार्यों ,शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि, परीक्षा का तनाव अपनी जगह है परंतु तनाव के कारण हमारे जिले में एक भी बच्चा अप्रिय कदम ना उठाएं, इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। इसके लिए अधिकारी गण, प्राचार्य शिक्षक गण और पालक सभी अपनी-अपनी भूमिका को समझें और बच्चे को अवसाद से बाहर करते हुए
उन्हें बताएं की बोर्ड परीक्षा अंतिम परीक्षा नहीं है।उन्होंने स्वयं अपना उदाहरण देते हुए बताया कि दसवीं में मेरे तृतीय श्रेणी था जिसमें गणित में मुझे मात्र 30 अंक मिले थे परंतु आज मैं आई ए एस बना हूं। ऐसे ही उदाहरण बच्चों के सामने रख करके उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है।