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शीतकालीन सत्र में आएगा धर्मांतरण संशोधन विधेयक, ड्राफ्ट तैयार; धर्म बदलने से 60 दिन पहले देनी होगी सूचना

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक अखबार से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नए विधेयक के लागू होने के बाद वर्तमान नियमों में बड़े बदलाव होंगे। राज्य में बढ़ते विवादों और संवेदनशील सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए गृह विभाग ने एक नया ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, वैधानिक और नियंत्रित बनाने का प्रयास किया गया है।

धर्म परिवर्तन के लिए अब अपनानी होगी तय प्रक्रिया

नए प्रस्तावित प्रावधानों के तहत किसी व्यक्ति के लिए एक धर्म से दूसरे धर्म में जाना अब बिना प्रक्रिया के संभव नहीं होगा। ड्राफ्ट के अनुसार, इच्छुक व्यक्ति को धर्म परिवर्तन से कम-से-कम 60 दिन पहले जिला प्रशासन को सूचित करना अनिवार्य होगा। प्रशासनिक अनुमति और निर्धारित प्रारूप में जानकारी के बाद ही परिवर्तन को वैधानिक माना जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर धर्म परिवर्तन अमान्य माना जाएगा।

गृह विभाग का कहना है कि कई बार लोग दूसरे धर्म के प्रचार-प्रसार, प्रभाव या प्रलोभन में आकर धर्म परिवर्तन कर लेते हैं, जिसके बाद संवैधानिक विवाद और शिकायतें बढ़ जाती हैं। इसी कारण धर्मांतरण को वैध दायरे और स्पष्ट प्रक्रिया में लाने के लिए विधेयक लाया जा रहा है।

जबरन धर्मांतरण पर कड़ी सजा का प्रस्ताव

राज्य सरकार जबरन, धोखे से या प्रलोभन देकर कराए गए धर्म परिवर्तन पर कठोर दंड और जेल की सजा का प्रावधान भी कर रही है। 9 राज्यों के कानूनों का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि बस्तर, जशपुर, रायगढ़ समेत कई आदिवासी इलाकों में लंबे समय से धर्मांतरण से जुड़े विवाद सामने आते रहे हैं, जिसके कारण कानून व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।

धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के दायरे में आएगा नया कानून

प्रस्तावित संशोधन धार्मिक स्वतंत्रता कानून के अंतर्गत होगा, जो नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने और उसे बदलने का अधिकार देता है। सरकार का तर्क है कि इस स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए धर्मांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने एवं सामाजिक विवादों को रोकने के लिए यह विधेयक आवश्यक है।

14 से 17 दिसंबर तक चलेगा सत्र

विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 से 17 दिसंबर तक नए विधानसभा भवन में आयोजित होगा। सत्र के पहले दिन ‘विजन 2047’ पर विशेष चर्चा रखी गई है, जबकि अन्य तीन दिनों में प्रश्नकाल सहित शासकीय एवं वित्तीय कार्यवाही संचालित की जाएगी।

Editorial Desk

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