कवर्धा में हिरण के शावक की पीट-पीटकर हत्या, वन्य जीव सुरक्षा और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
ग्रामीणों की सतर्कता से वन विभाग तक पहुंची सूचना, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग


कवर्धा। कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत नेऊर के समीप स्थित बीट क्रमांक 477 में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां मांस की लालच में एक युवक ने हिरण के शावक को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। बताया जा रहा है कि मृत शावक जंगल से भटक कर खेत में आ गया था, जिसे खेत मालिक ने पत्तों से ढककर छुपा दिया था ताकि वह रात के अंधेरे में शव को लेकर जा सके।
ग्रामीणों की नजर जब खेत के मेड़ पर खून से सने हिरण के शव पर पड़ी तो उन्होंने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई शुरू की है। मृत हिरण के सिर पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि उसकी पीट-पीटकर हत्या की गई।
वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस घटना ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन रक्षक अक्सर अपनी ड्यूटी छोड़कर घर चले जाते हैं और जंगल की सुरक्षा केवल चौकीदारों के भरोसे छोड़ दी जाती है। विभागीय अधिकारी केवल उच्चाधिकारियों के निरीक्षण के समय ही सक्रिय नजर आते हैं।
इस लापरवाही के चलते शिकारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और वे खुलेआम वन्य प्राणियों का शिकार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और वन विभाग से नियमित निगरानी सुनिश्चित करने की अपील की है।
ग्रामीणों की जागरूकता से टली बड़ी अनहोनी
गौरतलब है कि यदि समय रहते ग्रामीण सतर्कता नहीं दिखाते तो यह मामला अंधेरे में ही दबा रह सकता था। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत हिरण का शिकार एक दंडनीय अपराध है, और वन विभाग ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी।