निमोनिया से बचाव के लिए ‘सांस’ अभियान की शुरुआत, 0-5 वर्ष के बच्चों को मिलेगा जीवनरक्षक संरक्षण
कवर्धा । जिले में निमोनिया से बचाव और जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘सांस’ (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज न्यूमोनिया सक्सेसफुली) अभियान 12 नवम्बर 2024 से शुरू होकर 28 फरवरी 2025 तक चलाया जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य 0-5 वर्ष के बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना और इसके लक्षण, कारण तथा उपचार के उपायों की जानकारी प्रदान करना है।
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह पहल इसलिए अहम है क्योंकि पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु का एक बड़ा कारण निमोनिया है। इस अभियान के तहत न्यूमोकोकल कान्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) के महत्व को समझाया जा रहा है और टीकाकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण और तैयारियां
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. राज के नेतृत्व में जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जुही सोनवानी, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनामिका पटेल और डॉ मुकुंद राव आरएमएनसीएचए ने प्रशिक्षण में निमोनिया की रोकथाम और उपचार के तरीकों की जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और नेबुलाइज़र के उपयोग के साथ पोषण और स्वच्छता के महत्व पर जोर देने कहा गया।
टीकाकरण पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि निमोनिया को न्यूमोकोकल कान्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) के नियमित टीकाकरण से रोका जा सकता है। बच्चों को यह टीका 6 सप्ताह, 14 सप्ताह और 9वें महीने में लगाया जाता है।
अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर निमोनिया से बचाव के उपायों और टीकाकरण की जानकारी साझा करेंगी।
कलेक्टर ने “सांस”अभियान को सफल बनाने और सर्दियों की मौसम में बच्चों का विशेष देखभाल करने की अपील की
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि सांस’ अभियान के माध्यम से जिले के बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने का यह प्रयास प्रशंसनीय है। आइए, मिलकर इस जनहितकारी पहल को सफल बनाएं। सर्दियों के मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। यह फेफड़ों को संक्रमित करता है, जिससे सूजन और गंभीर मामलों में पानी भरने की समस्या हो सकती है। इसके बचाव के लिए जागरूकता और समय पर टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय हैं।