भोरमदेव मंदिर में हैं नृत्य करते आठ भुजाओं वाले गणपति, 6 में पकड़े हैं फरसा, पाश, गदा, मोदक

आज गणेश चतुर्थी है। शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा पंडालों के साथ घरों में आज भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। अगले 10 दिन तक लोग इनकी भक्ति में लीन रहेंगे। गणेश जी उन कुछ देवताओं में शामिल हैं, जिनकी महिमा और मान्यता पूरे देश में है। चतुर्थी पर हम ऐसे अद्भुत गणेश प्रतिमा के बारे में बता रहे हैं, जिसे छग का खजुराहो कहे जाने वाले भोरमदेव मंदिर के गर्भगृह में न सिर्फ सहेजकर रखा गया है, बल्कि रोज उसकी पूजा भी होती है।
यह प्रतिमा करीब 1 हजार साल पुरानी है। खासियत यह है कि प्रतिमा में गणेश जी की आठ भुजाएं हैं। छह भुजाओं में फरसा (कुल्हाड़ी), पाश, गदा और मोदक (लड्डू) पकड़े हुए हैं। दो भुजाएं नृत्य मुद्रा में है। इतिहासकार बताते हैं कि नृत्य करते हुए आठ भुजाओं वाले गणेश जी की ऐसी प्रतिमा ज्यादातर उत्तर भारत में देखने को मिलती है। कवर्धा में यह एकमात्र ऐसी प्रतिमा है। शिक्षाविद् व पुरातत्व के जानकार आदित्य श्रीवास्तव बताते हैं कि भोरमदेव मंदिर के गर्भगृह में स्थापित आठ भुजाओं वाले गणेश जी की यह प्रतिमा पहले परिसर में खंडित मूर्तियों के साथ रखी हुई थी। बाद में इसे गर्भगृह में स्थापित किया गया। गणेश जी की यह मूर्ति उतनी ही पुरानी है, जितना कि यहां का भोरमदेव मंदिर है।
जोगी मकरध्वज ने बनाई थी यह प्रतिमा: श्रीवास्तव: इतिहासकार व शिक्षाविद् आदित्य श्रीवास्तव बताते हैं कि 11वीं शताब्दी में भोरमदेव मंदिर का निर्माण हुआ था। शिल्पकार जोगी मगर ध्वज और उसके 700 साथियों ने भोरमदेव मंदिर का निर्माण किया था। उन्होंने ही गणेश जी की यह अद्भुत मूर्ति बनाई है। भगवान शिव को नटराज का रूप मानते हैं। मान्यता है कि नृत्य की शुरुआत उन्हीं से हुई है। गणेश जी उन्हीं की संतान हैं।
मंगलवार को रवि योग में गणेश चतुर्थी मनाया जाएगा। घरों व सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक पूजा की जाएगी। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाते हैं। आचार्य मेघानंद शास्त्री बताते हैं कि गणेश चतुर्थी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। यह योग प्रातः काल 6.08 बजे से शुरू होकर दोपहर 1.47 बजे तक है। इस दौरान गणपति बप्पा की पूजा-उपासना कर सकते हैं। साथ ही शुभ कार्य भी कर सकते हैं। गणेश चतुर्थी पर नगर पंचायत बोड़ला में विभिन्न सार्वजनिक पंडालों में प्रतिमा स्थापना की जाएगी। कलाकार भगवान गणेश की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे चुके हैं।
नगर समेत आसपास के गांव में भी कलाकार विघ्नहर्ता गणेश की छोटी- बड़ी मूर्तियां बनाए हैं। नगर के कलाकारों ने 6 से 8 फीट की विशाल प्रतिमा तैयार की है। इसी तरह ग्राम भोंदा में भी मूर्तियां बनाई गई है। कलाकारों ने बताया कि इस बार छोटी मूर्तियों की डिमांड ज्यादा है। कई श्रद्धालु घरों में पूजा के लिए गणेश प्रतिमा ले जा चुके हैं। बड़े पंडालों में भी तैयारी पूरी कर चुके हैं।