
बतौली। बतौली जनपद पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है। यहां योजना के वास्तविक लाभार्थियों को योजना से वंचित कर, उनकी स्वीकृत राशि को अन्य अपात्र लोगों के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। ग्रामीणों के मुताबिक, यह सारा काम पंचायत कर्मियों और सरपंच के मिलीभगत से किया गया है।
ग्राम पंचायत बिलासपुर के सरपंच अरुण केरकेट्टा और उनके पिता बुद्धसाय केरकेट्टा पर सबसे गंभीर आरोप लगे हैं। दोनों के खातों में क्रमश: केशवर राम और बच्चन राम नामक पात्र हितग्राहियों की राशि ट्रांसफर की गई। यही नहीं, अधिकारियों ने अन्य कई अपात्र लोगों के खातों में भी जानबूझकर राशि डाल दी।
मामले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि लाभार्थी लोरी नगेशिया की राशि सुरजमानिया चौधरी के खाते में पहुंचा दी गई, वहीं सदानंद पैंकरा की सहायता राशि माधुरी प्रजापति के खाते में डाल दी गई। इसी प्रकार साधारण प्रजापति की स्वीकृत राशि शिबू चौधरी के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। हदरसाय पैंकरा के नाम की राशि प्रदीप टोप्पो को और राम नंदन की राशि जयंत मोहरा के खाते में ट्रांसफर कर दी गई।
इन सभी ट्रांजेक्शनों में एक पैटर्न देखा गया है – वास्तविक लाभार्थियों की जगह उन लोगों को फायदा पहुंचाया गया जो या तो ग्राम के प्रभावशाली लोगों से जुड़े हुए हैं या पंचायत के अंदरूनी लोगों के करीबी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने इस गड़बड़ी की शिकायत की, तो कुछ मामलों में औपचारिक रूप से लाभार्थी का नाम बदल कर नया स्वीकृति पत्र भी जारी कर दिया गया।
इस पूरे घटनाक्रम से ग्रामीणों में आक्रोश है और उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं सरपंच अरुण केरकेट्टा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके खाते में किसी अन्य हितग्राही की राशि ट्रांसफर की गई है, और जरूरत पड़ने पर वह राशि वापस कर देंगे।
बतौली क्षेत्र में यह भ्रष्टाचार न केवल प्रधानमंत्री आवास योजना की साख को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि जरूरतमंद ग्रामीणों का भरोसा भी तोड़ रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई ही अब इस भरोसे को बहाल कर सकती है।