करपी के ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग नहीं हुई पूरी, अब चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
- एसडीएम से लेकर मंत्री तक कई बार लगा चुके हैं गुहार
जिले के सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम करपी में मिडिल स्कूल भवन का निर्माण आज तक नहीं किया जा सका है। वहीं ग्राम तेंदों से करपी-चिखली तक सड़क जगह जगह से खराब हो चुकी है।
ग्रामीण कई बार स्कूल भवन और सड़क मरम्मत की मांग कर चुके हैं, लेकिन इन मांगों को आज तक पूरी नहीं नहीं की जा सकी। ग्रामीणों ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पहंुंच कर भवन निर्माण और सड़क मरम्मत नहीं होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी।
ग्राम पंचायत कुंआ के आश्रित गांव करपी में वर्षो पहले ग्रामीणों की मांग पर मिडिल स्कूल खोला गया। तब जल्द ही भवन निर्माण करने का दावा किया गया था लेकिन पांच वर्ष बाद भी मिडिल स्कूल के लिए अलग से भवन निर्माण नहीं कराया जा सका है। ऐसे में गांव के प्राइमरी स्कूल भवन में ही मिडिल स्कूल का संचालन किया जा रहा है। एक ही भवन में प्राइमरी और मिडिल स्कूल संचालित किया जा रहा है।
ऐसे में कार्यक्रम और अन्य गतिविधियों होने पर मिडिल और प्राइमरी स्कूल के बच्चे की पढ़ाई एक साथ प्रभावित होती है। ग्रामीणों में कपिल, प्रकाश, गोवर्धन, शिव सिंह ने बताया कि स्कूल खुलने से ग्रामीणों में उत्साह था कि अब गांव के बच्चों को अन्य गांव नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन भवन नहीं बनने से स्कूली बच्चों सहित पालकों को कई समस्याएं हो रही है। शासन की योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम तेंदों से करपी-चिखली चलने लायक नहीं है। जगह जगह से सड़क उखड़ चुकी है। राहगीरों को आने जाने में परेशानी होती है। इस मार्ग से ही स्कूली बच्चे भी आना-जाना करते हैं। खराब मार्ग के कारण आए दिन हादसे हो रहे है। बारिश के दिनों में गड्ढों में पानी भरा रहता है, जिसमें आकर राहगीर गिर कर चोटिल हो रहे है। गर्मी के दिनों में किसी प्रकार से मार्ग का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन बरसात मंे यह चलने लायक नहीं है। मरीज से लेकर विद्यार्थी तक इस मार्ग से ही गुजरते है। खराब मार्ग बनाने की मांग कई बार कर चुके हैं पर अब तक नहीं बना।
स्कूल भवन और सड़क मरम्मत कराने की मांग को लेकर ग्रामीण वर्षो से जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए एसडीएम, स्थानीय विधायक, कलेक्टर एवं मंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं, ताकि स्कूली बच्चों और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान निकल सके।