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बीवी-बच्चे, नौकरी गई, मजदूरी कर रहे सीमा हैदर के पति:गुलाम हैदर बोले- सीमा से रिश्ता खत्म, बच्चों को भारत से लाकर रहूंगा

‘अपने चारों बच्चों के लिए कहीं भी, किसी भी कोर्ट में जाऊंगा, पर उन्हें वापस लाकर रहूंगा। सीमा के साथ अब नहीं रह सकता, लेकिन उनसे कहूंगा कि अब भी आपके पास वक्त है। मैं आपको पाकिस्तान आने का मौका दे रहा हूं। आपको कुछ नहीं होगा। आप कहती हैं कि यहां आपको मार देंगे। मैं यहां हूं, गारंटी दे रहा हूं कि आपको कुछ नहीं होने दूंगा। आप अपने भाई-बहन के घर में खुशी से रहना।’

ये गुलाम हैदर हैं। उनकी बीवी सीमा हैदर 13 मई, 2023 को नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से भारत आ गई थीं। साथ में उनके चार बच्चे भी थे। सीमा फिलहाल ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में पति सचिन के साथ रह रही हैं। सीमा और सचिन की मुलाकात पबजी गेम खेलने के दौरान हुई थी, जो प्यार में बदल गई। सीमा भारत आकर जाना-पहचाना नाम बन गईं, पर गुलाम हैदर के बुरे दिन शुरू हो गए।

भारत में जांच एजेंसियों की तरफ से सीमा को क्लीन चिट नहीं मिली है, लेकिन वो ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में पति सचिन के साथ नॉर्मल लाइफ जी रही हैं।
भारत में जांच एजेंसियों की तरफ से सीमा को क्लीन चिट नहीं मिली है, लेकिन वो ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में पति सचिन के साथ नॉर्मल लाइफ जी रही हैं।

सीमा बच्चों के साथ भारत के लिए निकली थीं, तब गुलाम हैदर सऊदी अरब में काम करते थे। अच्छी-खासी कमाई थी। सीमा की खबर लगते ही काम छोड़कर पाकिस्तान वापस आ गए। अब मजदूरी करके गुजारा करते हैं। दोस्त के गोडाउन में सीलन भरा एक कमरा उनका घर है।

गुलाम हैदर ने पहले अपनी पत्नी और बच्चों को खोया, फिर नौकरी खो दी। अब वे कराची की सड़कों पर घूम रहे हैं। इस उम्मीद में कि कोई तो उनके बच्चों को वापस लाने में मदद करेगा, लेकिन पाकिस्तान सरकार सहित किसी ने अब तक उनकी मदद नहीं की।

दोस्त के गोडाउन में गुलाम हैदर का कमरा। वे फिलहाल यहीं रहते हैं। करीब 10 बाई 10 के कमरे में सिर्फ बिस्तर बिछाने लायक जगह है।

दैनिक भास्कर ने गुलाम हैदर से बात की। उन्होंने सीमा के भारत जाने की कहानी और बच्चों को वापस पाने की कोशिशों के बारे में बताया।

सवाल: सीमा के साथ आपका रिश्ता कैसा था, आपको पहली बार कब पता चला कि वो बच्चों के साथ भारत चली गई हैं?
जवाब:
 मेरी जिंदगी तो नॉर्मल चल रही थी। 9 मई, 2023 को तब प्रधानमंत्री रहे इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद पाकिस्तान में इंटरनेट बंद हो गया। यहीं से मेरी जिंदगी बदल गई।

मैं सऊदी अरब में था। इस दौरान सीमा ने मुझे तीन बार फोन किया। मेरा हाल पूछा। मैंने उनसे कहा कि वो लोकल लाइन से इतने फोन क्यों कर रही हैं। हम कल बात करेंगे, जब इंटरनेट काम करने लगेगा। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे घबराहट हो रही है, क्योंकि मैं आपसे बात नहीं कर पाई।

फोटो गुलाम हैदर और सीमा की है, जब दोनों की शादी हुई थी। गुलाम से शादी के लिए सीमा ने अपना घर छोड़ दिया था।
फोटो गुलाम हैदर और सीमा की है, जब दोनों की शादी हुई थी। गुलाम से शादी के लिए सीमा ने अपना घर छोड़ दिया था।

ये सीमा की चाल थी। वो जानना चाहती थी कि मैं कहां हूं और क्या कर रहा हूं, ताकि वो भारत जाने की तैयारी कर सके। 11 मई को उसका फोन नंबर बंद आने लगा। मैंने सोचा कि वो काम कर रही होगी, इसलिए मैं भी सुबह से काम पर चला गया।

दोपहर तीन बजे लौटा तो मुझे चिंता हुई कि अब तक सीमा की कॉल नहीं आई। मैंने वॉट्सऐप पर कॉल किया, लेकिन कॉल कनेक्ट नहीं हुई। मैंने लोकल नंबर पर फोन किया, वो भी बंद था। सीमा का भाई आसिफ सिंध के खैरपुर में रहता है। मैंने उससे पूछा कि क्या सीमा से तुम्हारी बात हुई है। उसने कहा हां, कल बात हुई थी, आज नहीं हुई। आसिफ ने मुझे समझाया और कहा कि मैं कराची आ रहा हूं।

मुझे अब भी फिक्र हो रही थी। मैंने सीमा की बहन रीमा के पति से बात की। उन्होंने बताया कि बच्चे कल तक तो घर पर खेल रहे थे, लेकिन अब नहीं पता कि वे कहां हैं।

अगली सुबह सीमा का भाई आसिफ गांव से कराची आ गया। उसने देखा कि हमारे घर के मेन गेट पर ताला लगा है। उसने ये बात मुझे बताई। घर में नीचे मकान मालिक रहते हैं। उनसे पूछा तो पता चला कि सीमा एक दिन पहले खैरपुर चली गई थी। उसने मकान मालिक से कहा था कि वो खैरपुर में मकान बना रही है, इसलिए पैसे लेकर जा रही है। लौटने में 20-25 दिन लगेंगे। तब तक वो घर की देखभाल करें।

इसके बाद मैंने सीमा के गांव खैरपुर और अपने गांव जकोबाबाद में लोगों से बात की। वहां भी किसी को पता नहीं था कि सीमा कहां है। फिर मैंने अपने अब्बू से कराची जाने के लिए कहा। अब्बू कराची पहुंचे, सीमा और बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।

डेढ़ महीने तक मैं सीमा का पता नहीं लगा सका। फिर पता चला कि सीमा ने हमारा घर भी बेच दिया है। हमने किराए वाले मकान के पास ही छोटा सा घर खरीदा था।

मैं मक्का में काबा शरीफ जाता और अल्लाह से रास्ता बनाने की गुहार लगाता था। मेरे बच्चे कहां हैं, पता ही नहीं चल रहा था। एक दिन मैंने मीडिया में खबर देखी कि सीमा भारत में पुलिस कस्टडी में है। मैं बहुत डर गया। मुझे फिक्र हुई कि वहां तो कोई रिश्तेदार नहीं है, कोई पहचान वाला भी नहीं है, फिर वो वहां क्यों गई।

सवाल: सीमा जब से भारत गई हैं, क्या कभी उनसे बात हुई है?
जवाब: मैंने सोशल मीडिया के जरिए भारत में एक महिला वकील से बात की थी। उन्होंने बच्चों का एक वीडियो भेजा। ये पक्का करने के लिए कि वे वही हैं। मैंने उनसे बच्चों के पास जाने, उनके बारे में पता करने और उन्हें बचाने की गुजारिश की। वकील थाने पहुंची, लेकिन सीमा ने उनसे बात नहीं की।

वे दो दिन तक सीमा के पीछे गईं, लेकिन वो बात नहीं कर रही थी। तीसरे दिन वकील ने बताया कि आपके बच्चे सुबह 8:40 बजे कस्टडी से बाहर आ रहे हैं। फिर मैं सीमा से कहूंगी कि आपसे बात करे।

सीमा ने मुझे वॉयस मैसेज भेजकर कहा था, ‘हैदर, मैं जहां भी रहूं, जिस भी हालात में रहूं, मेरे पीछे मत आना।’

मैंने वॉयस मैसेज में ही जवाब दिया कि मैं तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं। पता नहीं कि सीमा ने वो मैसेज सुना कि नहीं।

सवाल: आप सऊदी अरब क्यों गए थे और फिर पाकिस्तान क्यों लौट आए?
जवाब:
 मैं कराची में मजदूरी करता था। फिर ऑटो-रिक्शा चलाने लगा। सीमा ने ही मुझे सऊदी अरब जाने की सलाह दी थी। मुझे भी लगा कि अच्छी आमदनी होगी, इसलिए मैं सऊदी अरब चला गया। वहां एक शेख के ऊंट और बकरियां चराता था। बाद में एक पार्क में माली की नौकरी मिल गई।

बच्चों की तलाश करते-करते थक गया था। इसलिए नौकरी छोड़ दी और बच्चों को वापस लाने की कोशिश करने के लिए अपने वतन लौट आया। मेरे वकील ने पाकिस्तान सरकार को लेटर लिखा, जिसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है।

सीमा ने गैरकानूनी तरीके से भारत जाकर और बच्चों को साथ ले जाकर गलत किया है। मुझे उनकी फिक्र है। अगर वो अच्छी मां होती, तो ऐसा कभी नहीं करतीं। अपना घर और धर्म छोड़कर चली गई। पति-पत्नी अलग हो जाते तो कोई परेशानी नहीं थी, ऐसा होता रहता है। सबसे पहले उसने इस्लाम छोड़ दिया, अपनी मां और पिता की कब्रें नहीं देखीं।

सवाल: बच्चों को भारत से पाकिस्तान लाने के लिए आपने क्या कोशिशें की हैं?
जवाब:
 मैं भारत का वीजा पाने की कोशिश कर रहा हूं। मैं वहां जाऊंगा, वहां की अदालत में जाऊंगा और अल्लाह ने चाहा तो बच्चों को वापस लाऊंगा। वीजा की प्रोसेस अब तक आगे नहीं बढ़ी है, लेकिन इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है। मैं अपने बच्चों के लिए खून की आखिरी बूंद भी कुर्बान कर दूंगा।

सवाल: आपने कहा था कि अगर सीमा लौट आएंगी तो आप उनके साथ खुशी-खुशी रह लेंगे, अब भी ऐसा है क्या?
जवाब:
 नहीं, मैं ये नहीं कह सकता कि मैं उसके साथ रह सकता हूं। उसने जो किया, वो गलत है। उसने अपना देश, अपना धर्म छोड़ दिया। हालांकि, सीमा वापस आना चाहती है तो उसके पास अपना घर है, अपने पिता का घर है, उसके भाई-बहन हैं। सीमा शादीशुदा है या नहीं, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन मैं बच्चों के लिए आवाज उठाता हूं और उन्हें वापस लाऊंगा।

सीमा और सचिन ने नेपाल में शादी की है। तभी से दोनों साथ में रह रहे हैं। शादी की ये फोटो दया याचिका के साथ राष्ट्रपति को भी भेजी गई थी।

सवाल: सीमा ने कहा है कि अब सचिन का परिवार ही उनका परिवार है और वे कभी पाकिस्तान नहीं जाएंगी। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: सीमा का परिवार भारत में कहां है। वहां तो उनका कोई रिश्तेदार तक नहीं है। डांस करके और इसे कमाई का जरिया बनाकर वे बता रहे हैं कि ये सीमा का परिवार है। अपने साथ एक अजनबी को बैठाकर वो कह रही है कि मैं इन बच्चों की मां हूं। अगर वो मां होती, तो ऐसा नहीं करती। सीमा का न तो कोई भाई-बहन है और न ही कोई खून का रिश्ता। इसलिए मैं चीख-चीख कर कह रहा हूं कि मेरे बच्चे वहां सेफ नहीं हैं।

सवाल: क्या पाकिस्तान सरकार से अब तक कोई मदद मिली है?
जवाब:
 पाकिस्तान सरकार ने सीमा को वापस लाने के लिए कोई कोशिश नहीं की। यहां की एजेंसियां चुप हैं, उन्हें कुछ कार्रवाई करनी चाहिए थी। मैं गरीब हूं, मजदूरी करता हूं। असली काम तो सरकार का है। वो कुछ नहीं कर रही है और अंधी, गूंगी, बहरी हो गई है।

गुलाम हैदर SSP से लेकर इस्लामाबाद में फॉरेन मिनिस्ट्री के ऑफिस तक जा चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक कहीं से मदद नहीं मिली।

सवाल: क्या भारत सरकार से कोई मदद चाहते हैं?
जवाब:
 भारत सरकार को मेरे बच्चों को डिपोर्ट करने के बारे में सोचना चाहिए। अगर सीमा गलत है, तो उसे कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए। मैं बार-बार गुजारिश करता हूं कि पाकिस्तान और भारत के अधिकारी एक साथ बैठें और मेरे बच्चों को डिपोर्ट कराएं।

मेरे बच्चे छोटे हैं, दस साल से भी कम उम्र के। मैं उनसे बात करने के लिए गिड़गिड़ाता हूं, लेकिन अधिकारी कहते हैं कि हमारे पास ऑर्डर नहीं है। मीडिया वाले मेरे छोटे-छोटे बच्चों के मुंह पर माइक लगाते हैं और उनसे कहते हैं कि जो कहना है कहो, लेकिन अगर एक पिता रो रहा है, गिड़गिड़ा रहा है, तो सरकार परमिशन नहीं दे रही है। ये बहुत अफसोस की बात है।

अंसार बर्नी ट्रस्ट कर रहा गुलाम हैदर की मदद
पाकिस्तान का ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन अंसार बर्नी ट्रस्ट गुलाम हैदर की मदद कर रहा है। ट्रस्ट चलाने वाले अंसार बर्नी का मानना है कि सीमा का केस मानव तस्करी का है और इसमें लोकल लेवल पर भी लोग शामिल हैं। वे कहते हैं कि बिना पढ़ी-लिखी महिला का चार बच्चों के साथ UAE जाना, वहां से काठमांडू और फिर बिना किसी मदद के भारत जाना मुमकिन नहीं लगता है।

अंसार बर्नी कहते हैं, ‘मुझे हैरानी है कि पाकिस्तान सरकार इस मामले पर चुप क्यों है। मुझे सीमा के धर्म बदलने पर कोई आपत्ति नहीं है, उसे ऐसा करने का अधिकार है, लेकिन बच्चे नाबालिग हैं। दुनिया का कौन सा कानून बच्चों के धर्म परिवर्तन की इजाजत देता है।’

अंसार बर्नी बताते हैं कि सीमा का वीडियो एयरपोर्ट पर मिल जाएगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भारतीय हाई कमीशन से कॉन्टैक्ट करना चाहिए और गुलाम हैदर की उनके बच्चों से मुलाकात कराने में मदद करनी चाहिए।

वे आगे कहते हैं, ‘हम बच्चों को उनकी मां से दूर नहीं करना चाहते, लेकिन पिता को दुखी भी नहीं देख सकते। गुलाम हैदर के भी अपने अधिकार हैं। उन्हें वीजा दिया जाना चाहिए, ताकि वे भारत जाकर बच्चों से मिल सकें और सीमा से भी पूछ सकें कि ऐसा क्या हुआ कि वो सब कुछ छोड़कर चली गईं।’

Ankita Sharma

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