सदन में हंगामा:विधानसभा के बजट सत्र में राज्य सरकार ने माना पीडीएस में 216 करोड़ की गड़बड़ी; अब विधायक दल करेगा जांच
विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में पीडीएस के चावल में गड़बड़ी का मामला गूंजा। सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपनी ही सरकार के मंत्री दयालदास बघेल को घेरने की कोशिश की। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक के सवाल पर सरकार ने माना कि पीडीएस दुकानों में 216 करोड़ का चावल स्टॉक कम पाया गया है। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस मामले की विधायकों की समिति से जांच कराने की घोषणा की।
इससे पहले कौशिक के सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि पूर्व खाद्य मंत्री ने 24 मार्च तक स्टॉक सत्यापन पूरा करने की बात कही थी, लेकिन उस अवधि में सत्यापन पूरा नहीं किया गया था। उन्होंने बताया कि 216 करोड़ रुपए का चावल का स्टॉक कम पाया गया है। बजट स्टॉक के दुरुपयोग और अनियमितता करने वाली 227 दुकानों को निलंबित किया गया। 181 दुकानों को निरस्त किया गया, 24 दुकान संचालकों पर एफआईआर दर्ज की गई।
दरअसल, बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल का पहला सवाल पीडीएस के तहत संचालित दुकानों की जांच का था। सदन में इस सवाल को उठाते हुए भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सदन की कमेटी बनाकर जांच करने की मांग की। कौशिक ने कहा कि पूर्व खाद्य मंत्री ने जवाब दिया था कि 24 मार्च 2022 तक स्टॉक परीक्षण कर रिपाेर्ट पेश की जाएगी।
लेकिन पेश नहीं की गई? इससे पहले 23 मार्च को ही सत्रावसान कर दिया। इसके बाद कोर्ट में मामला होने की बात कहकर जानकारी छिपाई गई। विधानसभा में आसंदी ने सत्यापन किए जाने का निर्देश दिया था। ये मामला आसंदी की अवमानना का है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। अजय चंद्राकर ने भी कहा कि आसंदी के निर्देश के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई। यह आसंदी की अवमानना है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आसंदी का जो भी निर्देश है यह भविष्य में सुनिश्चित किया जाए कि उस पर गंभीरता से कार्रवाई हो।
समय सीमा बढ़ाने को लेकर विपक्ष ने किया वॉकआउट
प्रश्नकाल में विपक्ष ने धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बहुत किसान धान नहीं बेच पाए हैं। खरीदी की समय- सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। इस पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने इंकार किया। इससे नाराज विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉक आउट किया।
दरअसल, कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने प्रश्नकाल में धान बेचने वाले किसानों के रकबे को लेेकर सवाल पूछा। जवाब में खाद्य मंत्री ने बताया कि धान खरीदी का रकबा पिछले साल से कम हुआ है लेकिन धान बेचने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है। इस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साल से धान खरीदी का रकबा कम है। अनुपात में किसानों की संख्या भी कम है। बहुत किसानों ने धान नहीं बेचा है। क्या धान खरीदी की तारीख समय सीमा बढ़ाई जाएगी? इस पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तकरार शुरू हो गई।
मांग पर केंद्र ने दिया था 28 लाख टन चावल : मूणत
इस मामले में भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि केंद्र सरकार ने 28 लाख टन चावल राज्य सरकार की मांग पर दिया था। जिन परिवारों में एक, दो या तीन व्यक्ति हैं, उन्हें अपात्र क्यों किया गया? चार सालों में राशन दुकानों का ऑडिट क्यों नहीं किया गया? गरीबों का चावल खाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
किसानों को अंतर राशि देने अनुपूरक में 12 हजार करोड़
तृतीय अनुपूरक ध्वनिमत से पारित हो गया। 2023- 24 के लिए पारित इस अनुपूरक में अकेले धान बेचने वाले किसानों को अंतर की राशि देने के लिए 12 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। दरअसल, मोदी की गारंटी में किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदने का वादा किया गया था।