2800 करोड़ की ‘बाइक बोट स्कीम’ ठगी: रायपुर पुलिस के हत्थे चढ़े तीन ठग, कई राज्यों में दर्ज हैं सौ से अधिक मामले

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पुलिस ने बहुचर्चित ‘बाइक बोट स्कीम’ के नाम पर 2800 करोड़ रुपये की देशव्यापी ठगी करने वाले मुख्य सरगना समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई वर्षों से फरार चल रहे आरोपियों के खिलाफ बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिन पर देश के अलग-अलग राज्यों में 200 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
ठगी की यह योजना वर्ष 2017 में ‘मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड’ नाम की कंपनी के जरिए शुरू की गई थी। कंपनी के प्रमोटर्स ने ओला और उबर की तर्ज पर एक नकली निवेश योजना शुरू की, जिसमें लोगों को एक मोटरसाइकिल पर निवेश करने के एवज में हर माह तय आय देने का झांसा दिया गया। प्रति बाइक 62,100 रुपये की राशि जमा कराई गई और बदले में हर महीने 9,765 रुपये देने का वादा किया गया। शुरुआत में कुछ लोगों को भुगतान किया गया, जिससे योजना पर विश्वास बढ़ा और हजारों लोगों ने इसमें निवेश किया।
कुछ माह बाद भुगतान बंद कर कंपनी फरार हो गई। केवल रायपुर ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश समेत कई राज्यों के लोग इस स्कीम के शिकार बने। रायपुर में भी निवेशकों ने 2019 में सिविल लाइन थाने में इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद से आरोपी लगातार फरार थे।
एसएसपी लाल उमेद सिंह के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने सायबर सेल की मदद से आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की और उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में कैंप कर तीनों को गिरफ्तार किया। आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट के तहत रायपुर लाया गया है।
इस मामले के मुख्य आरोपी संजय भाटी के खिलाफ ही अकेले 1500 से अधिक केस विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं, जिनमें चेक बाउंस और आर्थिक धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इस प्रकरण में उनकी करोड़ों की संपत्ति अटैच की है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह देश के सबसे बड़े निवेश घोटालों में से एक है और मामले में आगे भी कई खुलासे हो सकते हैं। रायपुर पुलिस अब अन्य पीड़ितों से भी अपील कर रही है कि वे सामने आकर शिकायत दर्ज कराएं, जिससे जांच को और मजबूत किया जा सके।