डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा बहुप्रतीक्षित रेलमार्ग के लिए 300 करोड़ स्वीकृत, राज्य शासन ने दी हरी झंडी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुप्रतीक्षित डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग को आखिरकार राज्य शासन से हरी झंडी मिल गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित खनिज विकास निधि सलाहकार समिति की 20वीं बैठक में इस महत्वपूर्ण रेलमार्ग परियोजना के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह राशि परियोजना के भू-अर्जन और प्रारंभिक निर्माण कार्यों के लिए आवंटित की गई है, जिससे इन क्षेत्रों में परिवहन सुविधा में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
इस परियोजना से जुड़े लोग लंबे समय से इस रेलमार्ग की प्रतीक्षा कर रहे थे, क्योंकि यह रेलमार्ग डोंगरगढ़, कबीरधाम, मुंगेली और कटघोरा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ेगा। इससे न केवल स्थानीय जनता को परिवहन में सहूलियत होगी, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक के दौरान अधिकारियों से खनिज विकास निधि के पूर्व निर्णयों और राशि के उपयोग की समीक्षा की। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज विकास निधि का प्रभावी ढंग से उपयोग कर राज्य में वृहद अधोसंरचना का निर्माण किया जाए। इसके साथ ही, खनिज अन्वेषण, खनिज ब्लॉक नीलामी और आईटी आधारित नियमन के लिए भी 83 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसके अलावा, खनिज राजस्व में वृद्धि और खनन क्षेत्र में सुधार के लिए विशेषज्ञ संस्थाओं की सेवाएं लेने हेतु 20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की गई है। गौरतलब है कि खनिज विभाग द्वारा प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाले कुल खनिज राजस्व का 5% हिस्सा खनिज विकास निधि में आरक्षित रहता है, जिसका उपयोग विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए किया जाता है।
डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग परियोजना का कार्य प्रारंभ होते ही इस क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों में बड़ा उछाल आने की संभावना है, जिससे छत्तीसगढ़ के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा।