छत्तीसगढ़

रायपुर की पहली गारमेंट फैक्ट्री में अप्रैल से बनेंगे कपड़े:पीपीपी मोड में संचालन, पांच साल के लिए कंपनी से करेंगे एग्रीमेंट, दो कंपनियों ने भरा टेंडर

Advertisement

मोवा में रायपुर की पहली गारमेंट फैक्ट्री का काम पूरा हो गया है। अप्रैल से इसमें कपड़े बनने लगेंगे। फैक्ट्री के संचालन के लिए दो बड़ी कंपनियों ने टेंडर जमा कर दिया है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप के त​हत संचालित की जाने वाली इस फैक्ट्री की पूरी कमान महिलाओं के हाथों में होगी। कपड़े बनाने से लेकर पैकेजिंग तक सारे काम महिलाएं करेंगी। जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा वही कपड़े बेचने का काम करेगी। इस तरह की फैक्ट्री छत्तीसगढ़ में केवल दंतेवाड़ा में है। निगम अफसरों के अनुसार फैक्ट्री संचालन के लिए पहले टेंडर में एक भी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।

अब फैक्ट्री का काम पूरा होने के बाद जारी किए गए दूसरे टेंडर में दो कंपनी ने फॉर्म भरा है। निगम की ओर पाम ब्लेजियो के पास करीब ढाई एकड़ सरकारी जमीन पर गारमेंट फैक्ट्री बनवाई गई है। लोक निर्माण विभाग के माध्यम से इसे बनाने में पांच करोड़ खर्च हुए हैं। टेंडर फाइनल होते ही इसका संचालन भी शुरू हो जाएगा। फैक्ट्री में पानी के संरक्षण और आग से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। फैक्ट्री में पूरे समय महिलाएं ही काम करेंगी इस वजह से उनकी सुविधाओं के अनुसार ही यहां की बाकी चीजें तैयार की गई हैं। टोटल 15 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में पहले चरण में करीब 2 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

कंपनी करेगी मार्के​टिंग, देश-विदेश में बेचेंगे

जिस कंपनी का टेंडर फाइनल होगा उससे पांच साल का एग्रीमेंट किया जाएगा। कंपनी ही फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाओं का चयन करेगी। कपड़ों का ब्रांड का नाम ठेका लेने वाली कंपनी तय करेगी। फैक्ट्री में बनने वाले कपड़ों की लागत और बाजार में उसकी कीमत क्या होगी यह भी कंपनी तय करेगी। एक्सपर्ट महिलाओं को प्रा​थमिकता के आधार पर पहले मिलेगा, लेकिन जो युवतियां फ्रेशर होंगी उन्हें भी नौकरी मिलेगी। उन्हें फैक्ट्री में ही काम करना सिखाया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें स्कॉलरशिप की तरह स्टायपेंड दिया जाएगा बाद में ज्वाइनिंग के बाद बाकियों की तरह सैलरी मिलेगी।

नए कलेक्टर व कमिश्नर भी पहुंचे निरीक्षण करने

नई गारमेंट फैक्ट्री का काम हर हाल में मार्च तक पूरा करना है, ताकि वित्तीय साल 1 अप्रैल से यह कामकाज शुरू हो सके। फैक्ट्री के संचालन के लिए अभी किन-किन चीजों की तुरंत आवश्यकता है इसकी जांच के लिए नए कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह और नए निगम कमिश्नर अ​विनाश मिश्रा भी वहां गए थे। उन्होंने अफसरों से कहा है कि फैक्ट्री तय समय में ही शुरू की जाए। इससे बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिलेगा। इसलिए उनकी भी हर सुविधा का ख्याल रखा जाए। फैक्ट्री के ब्रांड की पहचान देश-विदेश तक बने इसके लिए विशेष प्लान बनाकर काम किया जाए।

Ankita Sharma

shatabditimes.page बदलते भारत की सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है। सबसे सटिक और सबसे तेज समाचार का अपडेट पाने के लिए जुडिए रहिये हमारे साथ.. shatabditimes.page के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें. https://whatsapp.com/channel/0029VaigAQIInlqOSeIBON3G
Back to top button