जब कलेक्टर बने चौकीदार, तो ऑफिस टाइम पर लेट पहुंचने वालों के साथ क्या हुआ — जानकर चौंक जाएंगे! पढ़िए पूरी खबर

कवर्धा। जिला प्रशासन में शुक्रवार सुबह एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला, जब कलेक्टर गोपाल वर्मा स्वयं जिला पंचायत के मुख्य गेट पर कुर्सी लगाकर बैठ गए। यह कोई औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि समय पालन की गंभीरता को परखने की एक सख्त कार्यवाही थी। समय था सुबह 10:00 बजे, लेकिन दफ्तर में punctuality की असली तस्वीर देखने लायक थी।
सुबह 10 बजे की नज़ाकत, कलेक्टर ने खुद संभाली मोर्चा
आमतौर पर ऑफिस के गेट पर सिक्योरिटी गार्ड नजर आते हैं, लेकिन शुक्रवार की सुबह कवर्धा जिला पंचायत कार्यालय का नज़ारा कुछ अलग ही था। वहां कुर्सी पर बैठा था खुद जिला कलेक्टर। जी हां, कलेक्टर गोपाल वर्मा ने समय पालन की हकीकत जानने के लिए जब खुद मोर्चा संभाला, तो कर्मचारियों की घड़ी गवाही देने लगी, कुछ ने समय पर दस्तक दी, तो कईयों की लापरवाही ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दीं। 10 बजते ही कलेक्टर ने गेट से गुजरने वालों की हाज़िरी लेना शुरू किया और फिर जो हुआ… देर से आने वालों की पेशी वहीं हो गई। किसी ने कान पकड़ माफी मांगी, तो किसी को सीधे नोटिस थमा दिया गया।
42 कर्मचारी देर से पहुंचे, मौके पर ही फटकार और नोटिस
जैसे ही घड़ी ने 10 बजाए, कलेक्टर ने गेट पर पहुंचने वाले हर कर्मचारी को स्वयं चिह्नित करना शुरू कर दिया। नतीजा 42 कर्मचारी देर से पहुंचे, जिन पर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी जाहिर की और कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कुछ कर्मचारी तो शर्मिंदा होकर कान पकड़कर माफी मांगते नज़र आए।
जिला अस्पताल में भी निरीक्षण, नहीं बख्शे गए डॉक्टर और स्टाफ
जिला पंचायत के बाद कलेक्टर सीधा जिला अस्पताल पहुंचे। यहां भी उपस्थिति रजिस्टर की जांच हुई, जहां चिकित्सकों, तकनीकी स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की लेटलतीफी उजागर हुई। अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए गए कि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों की शिफ्टवार सूची नाम व मोबाइल नंबर सहित बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए।
करपात्री स्कूल में भी अचानक दस्तक, शिक्षकों को चेतावनी
इसी क्रम में कलेक्टर करपात्री स्कूल भी पहुंचे और शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक संवेदनशील और जिम्मेदार क्षेत्र है, जिसमें समय की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समय की अनदेखी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
“समय की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं” – कलेक्टर वर्मा
पूरे निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री वर्मा का रुख स्पष्ट था – अनुशासन में ही प्रशासन की गरिमा है। उन्होंने कहा, राज्य शासन ने कार्यदिवस का समय 10:00 AM से 5:30 PM तक तय किया है। समय पालन केवल एक नियम नहीं, बल्कि आमजन की सेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का संकेत है।
भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण जारी रहेंगे
कलेक्टर ने स्पष्ट कर दिया कि यह कोई एक बार की कार्यवाही नहीं थी। “आकस्मिक निरीक्षण आगे भी होते रहेंगे और लापरवाही बरतने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।”