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स्कूलों के लिए अलर्ट: 10वीं-12वीं में मनमर्जी से प्रवेश नहीं, माशिमं ने जारी किए कड़े दिशा-निर्देश

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रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने प्रदेश के सभी निजी हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा में प्रवेश को लेकर सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। माशिमं ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी संस्था द्वारा अपात्र विद्यार्थियों को नियमों के विरुद्ध प्रवेश दिया गया तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

वर्तमान में राज्य में शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए 9वीं से 12वीं कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में माशिमं ने सभी संस्थाओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि प्रवेश केवल निर्धारित मापदंडों के अनुरूप ही दिए जाएं।

प्रवेश की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2025

माशिमं द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि नियमित प्रवेश 16 अगस्त 2025 तक ही लिए जा सकेंगे। इसके पश्चात किसी भी प्रकार का प्रवेश अमान्य माना जाएगा। केवल परीक्षा परिणाम के आधार पर उत्तीर्ण छात्र ही अगली कक्षा में प्रवेश के पात्र होंगे।

स्थानांतरण एवं विशेष मामलों में नियम

राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण की स्थिति में उनके बच्चों को 31 दिसंबर 2025 तक प्रवेश की अनुमति दी गई है। अन्य बोर्ड से आने वाले छात्रों के लिए “ग्राह्यता” प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। इसके अंतर्गत पुराने विद्यालय से उपस्थिति प्रमाण-पत्र, प्राचार्य द्वारा प्रमाणन और अन्य दस्तावेज जमा करना होगा।

10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रवेश की सीमा

प्रत्येक संस्था को 10वीं और 12वीं में अधिकतम 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रवेश की अनुमति है, वह भी बिना मण्डल की स्वीकृति के। उदाहरण के लिए, यदि किसी विद्यालय में कुल पात्र छात्रों की संख्या 50 है, तो अधिकतम 5 अतिरिक्त छात्रों को ही प्रवेश दिया जा सकता है।

जहाँ छात्रों की संख्या 45 से कम हो, वहाँ 45 तक छात्र संख्या की पूर्ति हेतु 10% की सीमा में शिथिलता दी जाएगी। यदि संस्था को इससे अधिक छात्रों को प्रवेश देना है, तो भवन, स्टाफ और संसाधनों की समुचित व्यवस्था कर अनुविभागीय अधिकारी से प्रमाणन कराकर मंडल कार्यालय से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

माशिमं ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी संस्था द्वारा बिना अनुमति या निर्धारित मापदंडों के बाहर जाकर प्रवेश दिए जाते हैं, तो संबंधित विद्यालयों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें मान्यता रद्द करना, जुर्माना लगाना या अन्य प्रशासनिक कार्यवाही शामिल हो सकती है।

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Ankita Sharma

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