बेमेतरा के गांवों में कुछ ऐसा हुआ कि शराब की दुकानों पर लग गया ताला … जानिए पूरी कहानी


बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले से एक अनोखी सामाजिक क्रांति की शुरुआत हुई है। नांदघाट थाना प्रभारी की पहल और ग्रामीणों की सामूहिक सहमति ने दर्जनों गांवों की तस्वीर ही बदल दी है। लगातार संवाद और समझाइश के बाद आज 12 से अधिक गांवों में शराबबंदी पूरी तरह लागू हो गई है।
थाना प्रभारी ने गांव-गांव जाकर सरपंचों और ग्रामीणों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों में उन्होंने शराब और नशे के दुष्परिणामों को विस्तार से समझाते हुए लोगों से नशामुक्त समाज बनाने का आह्वान किया। शुरुआत में पहल को लेकर संकोच रहा, लेकिन धीरे-धीरे ग्रामीण इस विचार से जुड़ते गए और अंततः सर्वसम्मति से शराबबंदी लागू कर दी गई।
ग्रामीणों का मानना है कि इस कदम से परिवारों में शांति स्थापित होगी, घरेलू विवाद कम होंगे और गांव विकास की दिशा में आगे बढ़ेंगे। युवाओं और अगली पीढ़ी को नशे से बचाने की भावना भी इस सामूहिक निर्णय के केंद्र में रही।
इस उल्लेखनीय प्रयास के लिए प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल ने भी थाना प्रभारी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पहल समाज सुधार और नशामुक्ति की दिशा में एक आदर्श उदाहरण है, जिसे पूरे प्रदेश में लागू करने की जरूरत है।
बेमेतरा की इस कहानी ने यह साबित कर दिया है कि बदलाव केवल प्रशासनिक आदेशों से नहीं, बल्कि जब समाज खुद ठान ले, तभी स्थायी और सार्थक परिणाम सामने आते हैं।