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छत्तीसगढ़ में बड़ा नक्सल सरेंडर: बस्तर में आज गृह मंत्री विजय शर्मा के सामने 50 नक्सली डालेंगे हथियार, कांकेर के बाद बीजापुर में भी 100 के सरेंडर की तैयारी

रायपुर/बस्तर। छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापना की दिशा में एक और बड़ा कदम आज उठने जा रहा है। बस्तर में दोपहर 2 बजे 50 से अधिक खूंखार नक्सली राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा के सामने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण करेंगे। इस दौरान बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. सहित शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे।

यह आत्मसमर्पण कार्यक्रम बस्तर में आयोजित किया जा रहा है, जिन नक्सयों ने हाल ही में कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र में आत्मसमर्पण किया था। अब उन्हें शासन की पुनर्वास नीति के अंतर्गत औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।

कांकेर में कल हुआ था बड़ा आत्मसमर्पण

बुधवार को छत्तीसगढ़ पुलिस को कांकेर जिले से बड़ी सफलता मिली थी, जब पखांजूर स्थित बीएसएफ कैंप में 50 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए थे। इनमें 18 पुरुष और 32 महिला नक्सली शामिल थे। आत्मसमर्पण करने वालों में संगठन के कई सक्रिय सदस्य — एसजेडसी सदस्य राजमन उर्फ राजमोहन, एसजेडसी राजू सलाम और एसीएम मीना नेताम के नाम प्रमुख हैं।

सरेंडर नक्सलियों से 39 हथियार बरामद किए गए जिनमें 7 एके-47 राइफल, 2 एसएलआर, 4 इंसास, 1 इंसास एलएमजी और 1 स्टेन गन शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की अब तक की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक माना जा रहा है।

नक्सल मुक्त होने की ओर बढ़ता कांकेर

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कांकेर जिला अब नक्सल मुक्त क्षेत्र बनने की कगार पर है। बीते कुछ महीनों में सुरक्षा बलों और प्रशासन के समन्वय से नक्सली गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है। लगातार चलाए जा रहे पुनर्वास अभियान, माओवादी विरोधी ऑपरेशन और मुख्यधारा में लौटने की सरकारी नीति का असर अब साफ दिखाई देने लगा है।

बीजापुर में 100 से अधिक नक्सली सरेंडर को तैयार

इस बीच, बीजापुर जिले से भी बड़ी खबर आई है। सूत्रों के अनुसार, 100 से अधिक नक्सली बहुत जल्द सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल और जिला पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में आयोजित किया जाएगा।

ये सभी नक्सली भैरमगढ़ क्षेत्र में सक्रिय थे और लंबे समय से संगठन से जुड़े हुए थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे निरंतर पुनर्वास प्रयासों का यह प्रत्यक्ष परिणाम है।

शांति और विकास की दिशा में ऐतिहासिक पहल

कांकेर, बस्तर और बीजापुर में हो रहे लगातार आत्मसमर्पणों को राज्य सरकार शांति और विकास की नई शुरुआत के रूप में देख रही है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि सरकार की नीति “बंदूक छोड़ो, विकास जोड़ो” अब धरातल पर परिणाम दे रही है।

बस्तर क्षेत्र में आज का आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि छत्तीसगढ़ नक्सलवाद के अंत की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा चुका है।

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Editorial Desk

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