केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दावा : अगले डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन से पहले नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा

रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित 60वें अखिल भारतीय डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन में देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का बड़ा दावा किया। शाह ने अपने संबोधन में विश्वास जताया कि अगले सम्मेलन से पहले भारत नक्सलवाद के खतरे से मुक्त हो चुका होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में जिस समग्र रणनीति पर काम किया है, उसके परिणाम अब निर्णायक रूप से सामने आ रहे हैं।
नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 11: शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि वर्ष 2014 में जहां देश में 126 जिले नक्सल प्रभाव की श्रेणी में आते थे, वहीं आज यह संख्या घटकर केवल 11 रह गई है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में 586 फोर्टिफाइड (किलेबंद) पुलिस थानों का निर्माण कर सुरक्षा ढांचे को अभूतपूर्व रूप से मजबूत किया गया है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नक्सलवाद, पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर जैसे तीन प्रमुख सुरक्षा हॉटस्पॉट्स का स्थायी समाधान तैयार किया है और “बहुत जल्द ये क्षेत्र देश के अन्य हिस्सों की तरह विकसित और शांतिपूर्ण बन जाएंगे।”
आंतरिक सुरक्षा पर तीन-स्तरीय फोकस: खुफिया, उद्देश्यों की स्पष्टता और तालमेल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उग्रवाद, कट्टरपंथ और नशीले पदार्थों के व्यापार के खिलाफ लड़ाई सुरक्षा बलों की सटीक खुफिया क्षमता, स्पष्ट उद्देश्यों और आपसी तालमेल पर आधारित है। उन्होंने राज्यों की पुलिस से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ घनिष्ठ तालमेल रखते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय नेटवर्क पर निर्णायक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। शाह ने कहा कि “हमें नशीले पदार्थों और संगठित अपराधों पर 360 डिग्री का हमला करना है ताकि अपराधियों को देश में एक इंच भी जगह न मिल सके।”
एनआईए को मिली मजबूती, यूएपीए हुआ और कठोर
अपने संबोधन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को और मजबूत किया है तथा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) को अधिक सक्षम बनाया है ताकि आतंकवाद और संगठित अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होते ही भारत की पुलिस व्यवस्था दुनिया की सबसे आधुनिक पुलिसिंग प्रणालियों में शामिल हो जाएगी। सम्मेलन को आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं की पहचान, नीति निर्माण और रणनीति के निर्धारण का प्रमुख मंच बताते हुए शाह ने कहा कि यह मंच अब देश की सुरक्षा संरचना को नई दिशा दे रहा है।
Inaugurated the 60th DGsP/ IGsP Conference in Raipur Chhattisgarh.
Under the leadership of Modi Ji the conference has been shaped as a portal of solutions to internal security, laying broad principles for strategising and policy making. The mettle of our police forces is evident… pic.twitter.com/tzvMGeROch
— Amit Shah (@AmitShah) November 28, 2025





