शासकीय और कोटवारी भूमि पर अवैध प्लाटिंग
कृषि-कोटवारी जमीन को परिवर्तित किए बगैर प्लाटिंग आसपास के गांवों में भू-माफिया सक्रिय
निगम क्षेत्र के अलावा आसपास से लगे गांवों में भी भू-माफिया सक्रिय हैं। कृषि जमीन पर मुरम डालकर बिना डायवर्सन कराए ही अवैध प्लाटिंग खुलेआम चल रही है। मानसपुरम कोलोनी, बोरियाखुर्द, डूंडा, इमली खदान, गिट्टी खदान, सेजबहार, बोरिया, डूंडा, समेरिया, उमरिया, नवा रायपुर से लगे गांवों के अलावा भी जिले के अलग-अलग इलाके में भू माफिया सक्रिय हैं। इन भू-माफियाओं के खिलाफ प्रशासन सख्त हो गया है, अवैध प्लाटिंग पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है।
रायपुर। राजधानी के भीतर और बाहरी इलाके में खाली जमीन पर कब्जा कर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। नगर निगम के अधिकारियों तक अवैध प्लाटिंग की ऐसी दर्जनों से अधिक शिकायतें पहुंची हैं, जिन पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि अवैध प्लाटिंग की रसूखदारों की पुरानी शिकायतों पर निगम अमला कार्रवाई करने से बच रहा है। बिना अधिकारियों के मिली भगत के बिना अवैध प्लाटिंग कैसे हो सकती है ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी एफआईआर होना चाहिए। हालाँकि निगम कमिशनर अबिनाश मिश्रा के निर्देशन में अवैध कालोनियों में लगातार बुलडोजर चल रहा है
रायपुर के आसपास व आउटर इलाके में अवैध प्लाटिंग का खेल लंबे समय से जारी है। नियमों की अनदेखी कर खेती वाली जमीन पर भी अवैध प्लाटिंग होने से निगम व जिला प्रशासन परेशान है और यह सिर दर्द साबित हो रहा है। ऐसा अधिकारियों का कहना है, लेकिन शहर में चर्चा है कि यह तो भूमियाओं के साथ एक गोपनीय अनुबंध का हिस्सा है, जिसने सरकारी जमीन ज्यादा दबा कर अधिकारियों का जेब भर दिया उसके इशारे पर छोटे मोटे भू-माफियाओं में कार्रवाई कर निगम अपनी ईमानदारी का प्रदर्शन करती है ताकि लोगों को लगे कि शिकायत करने पर कार्रवाई होती है लेकिन उसके पीछे भूमाफियाओं को संरक्षण देने वाले अधिकारियों का बहुत बड़ा रोल रहता है। जिसे आम जनता समझ नहीं पाती है।
गाइडलाइन से ज्यादा कीमत पर जमीन बेची जा रही है। कृषि जमीन को परिवर्तन किए बिना ही भू-माफिया बेच रहे हैं। जमीन की रजिस्ट्री कलेक्टर दर के अनुसार तो करवाई जा रही है, लेकिन बाकी अन्य राशि नकद ली जा रही है। गाइडलाइन से ऊपर ली जाने वाली नगद राशि का कागजी दस्तावेज में कोई उल्लेख नहीं किया जा रहा है। राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों से चल रहा है। नगर निगम जोन कार्यालय आठ के
गाइडलाइन से ज्यादा कीमत पर जमीन बेची जा रही है। कृषि जमीन को परिवर्तन किए बिना ही भू-माफिया बेच रहे हैं। जमीन की रजिस्ट्री कलेक्टर दर के अनुसार तो करवाई जा रही है, लेकिन बाकी अन्य राशि नकद ली जा रही है। गाइडलाइन से ऊपर ली जाने वाली नगद राशि का कागजी दस्तावेज में कोई उल्लेख नहीं किया जा रहा है। राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों से चल रहा है। नगर निगम जोन कार्यालय आठ के