कबीरधाम (कवर्धा)पांडातराई

कोटवार की जमीन पर स्कूल : नपं अध्यक्ष फिरोज व अन्य 8 पर एफआईआर के आदेश

नगर पंचायत पांडातराई के अध्यक्ष फिरोज खान समेत अजान शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति के 8 अन्य सदस्यों के खिलाफ एफआईआर होगी। फर्जीवाड़ा पाए जाने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पंडरिया ने पांडातराई थाने की पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच करने आदेश दिए हैं। पांडातराई में मामला कोटवार को मिली सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर स्कूल संचालन करने का है। मामले को लेकर ग्रापं पांडातराई के पूर्व सरपंच शिव गुप्ता (55) और त्रिलोचन सिंह (66) ने सितंबर 2022 में परिवाद प्रस्तुत किया था।

बताया कि नपं पांडातराई में कोटवार को मिली सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर प्राइवेट स्कूल बना है। वहीं मान्यता के लिए दूसरी जमीन का दस्तावेज पेश कर शासन से धोखाधड़ी की गई। जिस जमीन पर स्कूल भवन होने का दस्तावेज पेश किया गया, वहां गन्ने की फसल ली जाती है। यही नहीं, उक्त भूमि बैंक में बंधक भी था। मामले से जुड़े दस्तावेज बतौर सबूत न्यायालय में पेश किए गए। सुनवाई के बाद न्यायालय ने पांडातराई पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच करने आदेश दिया है।

जानिए… इस तरह से है यह पूरा मामला
पांडातराई में शासकीय भूमि खसरा नंबर- 192/2 (शामिल नंबर 192) के रकबा 1.538 हेक्टेयर में से 0.113 हेक्टेयर पर अतिक्रमण कर स्कूल निर्माण किया गया है। संचालन की अनुमति के लिए नियमानुसार जिस भूमि पर स्कूल बना है, उसके दस्तावेज या किरायानामा चाहिए। इसलिए उक्त शासकीय भूमि पर निर्माण करते हुए निजी फायदे के लिए गलत ढंग से पार्षद भीषण तिवारी की निजी हक की भूमि खसरा नंबर- 171/8 में से रकबा 0.20 एकड़, जिस पर 3600 वर्गफुट में मकान बना बताकर और 0.12 एकड़ में ग्राउंड (मैदान) होना दर्शाया। किरायानामा तैयार कर स्कूली की मान्यता हासिल की गई थी। जबकि जिस निजी जमीन पर स्कूल संचालित होना बताया गया, वहां फसल लेते हैं।

मामला उजागर होने के बाद राजस्व टीम की जांच में हो चुकी है फर्जीवाड़े की पुष्टि
जून 2022 में मामला उजागर होने पर पंडरिया एसडीएम ने इसकी जांच कराई थी। राजस्व टीम की जांच में पाया था कि वाद भूमि खसरा नंबर 192/2 (शामिल खसरा नंबर 192) रकबा 1.538 हेक्टेयर भूमि राजस्व अभिलेख में ग्राम कोटवार बोधन दास निवासी पांडातराई के नाम पर ग्राम नौकर (कोटवार) हक में दर्ज है। उक्त खसरा के रकबे में से 0.113 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण कर प्राइवेट स्कूल संचालित करना पाया। इस पर स्कूल की मान्यता रद्द करने अनुशंसा की गई थी, लेकिन पुलिस या प्रशासन की ओर से एफआईआर की कार्रवाई नहीं की गई।

News Desk

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