भानुप्रतापपुर में 15 वर्षों की प्रतीक्षा का अंत: ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से बनाया कच्चा पुल
भानुप्रतापपुर। कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड के ग्राम परवी और खड़का के बीच मंघर्रा नाला से लगे दो अन्य नालों पर पुल बनाने की मांग पिछले 15 वर्षों से की जा रही है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकारों की अनदेखी का सामना किया है। थकहार कर, खड़का, भुरका और जलहुर के तीन गांवों के ग्रामीणों ने स्थानीय संसाधनों से खुद कच्चा पुल बना लिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा शासन काल में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पुल बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कांग्रेस की सरकार बनी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जून 2023 में भानबेड़ा में एक मुलाकात के दौरान तीन पुलों के निर्माण के लिए 1 करोड़ 57 लाख की घोषणा की थी। बावजूद इसके, अभी तक इस आश्वासन का कोई परिणाम नहीं आया है।
ग्रामीण गोकुल नेताम ने बताया कि बाढ़ के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, मरीजों को अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता, और चावल-नमक जैसी जरूरी चीजें भी यहाँ लाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, पंचायत मुख्यालय, राशन दुकान और स्कूल के लिए एक वैकल्पिक रास्ता भी है, लेकिन इसके लिए 10 किमी की दूरी तय करने के लिए 45 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। इस स्थिति से निराश होकर, ग्रामीणों ने खुद ही कच्चे पुल का निर्माण किया है, जो उन्हें आवाजाही में सुविधा प्रदान करेगा।