स्वदेशी मेला का भूमिपूजन सम्पन्न, सांसद संतोष पांडे ने सपत्नीक किया शुभारंभ
कवर्धा। 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक स्थानीय पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाले स्वदेशी मेला की तैयारियों का शुभारंभ आज विधिवत भूमिपूजन से किया गया। कार्यक्रम में राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडे अपनी पत्नी के साथ शामिल हुए और भूमिपूजन कर मेला आयोजन की विधिवत शुरुआत की। इस अवसर पर शहर के प्रमुख नागरिक, व्यापारी, और स्वदेशी जागरण फाउंडेशन से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
पहली बार कवर्धा में स्वदेशी मेला का आयोजन
स्वदेशी जागरण फाउंडेशन की इकाई भारतीय विपणन विकास केंद्र द्वारा इस तरह के स्वदेशी मेले का आयोजन छत्तीसगढ़ के अन्य महानगरों में पहले भी किया जाता रहा है, लेकिन कवर्धा में यह मेला पहली बार आयोजित किया जा रहा है। इस मेले का उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देना और लोगों में स्वदेशी वस्त्र, हैंडीक्राफ्ट, और अन्य उत्पादों के प्रति जागरूकता पैदा करना है। मेले में देश के विभिन्न राज्यों से पारंपरिक उत्पादों के स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें लखनऊ, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पंजाब और कश्मीर के उत्पाद शामिल होंगे। मेले में हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के उत्कृष्ट उत्पादों की प्रदर्शनी देखने को मिलेगी, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेंगे।
स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
स्वदेशी मेला का एक मुख्य उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देना है। आयोजन समिति द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि मेले में स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों को भी अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का अवसर मिले। इससे न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मेले में स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां कवर्धा और आसपास के क्षेत्रों के कारीगर अपनी कला और कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
सांसद संतोष पांडे ने स्वदेशी को बताया राष्ट्र निर्माण का आधार
भूमिपूजन कार्यक्रम के अवसर पर सांसद संतोष पांडे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वदेशी आंदोलन भारत के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन से लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “वोकल फॉर लोकल” के मंत्र तक, स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने का प्रयास निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड संकट के समय भारतीय वैज्ञानिकों और डॉक्टरों पर विश्वास जताते हुए स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण करवाया, जिसने करोड़ों लोगों का जीवन बचाया। इस प्रकार के मेले देश के नवोदित उद्यमियों और स्टार्टअप्स को भी प्रोत्साहित करेंगे और उन्हें व्यापार की नई दिशा देंगे।
सांसद ने यह भी कहा कि भारत के उद्योगपतियों और कारीगरों में अपार क्षमता है और उन्हें सिर्फ सही दिशा और प्रोत्साहन की आवश्यकता है। स्वदेशी मेला जैसे आयोजन निश्चित रूप से नए व्यापार के अवसर पैदा करेंगे और युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में प्रेरित करेंगे।
150 से अधिक स्टॉल और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे आकर्षण का केंद्र
स्वदेशी मेला में 150 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें विभिन्न राज्यों से आए कारीगर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही प्रतिदिन भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय और बाहरी कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। यह मेला केवल व्यापार और उत्पादों का आदान-प्रदान करने का अवसर ही नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों और मनोरंजन का भी एक बड़ा मंच है।
इस मेले में शिल्प और वस्त्र उद्योग के साथ-साथ भारत के पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल भी होंगे, जहां लोग देश के विभिन्न हिस्सों के स्वादिष्ट व्यंजन चख सकेंगे। इसके अलावा, मेले में बच्चों के लिए विभिन्न झूले और खेल गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी, जिससे यह आयोजन परिवार के हर सदस्य के लिए मनोरंजक साबित होगा।
स्थानीय संचालन समिति द्वारा होगा मेले का प्रबंधन
स्वदेशी मेला के सफल आयोजन के लिए स्थानीय स्तर पर संचालन समिति का गठन किया गया है, जो मेले की संपूर्ण व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालेगी। समिति के सदस्य स्थानीय व्यापारियों और समाजसेवियों से मिलकर बनाए गए हैं, जो मेले के आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करेंगे। संचालन समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि मेले की सभी तैयारियां तेजी से चल रही हैं और भूमिपूजन के साथ ही मेला स्थल पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
सांसद पांडे ने किया आयोजन स्थल का निरीक्षण
भूमिपूजन के बाद सांसद संतोष पांडे ने आयोजन स्थल का निरीक्षण किया और मेले की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने आयोजन समिति के सदस्यों से चर्चा करते हुए यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मेले में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को स्वदेशी उत्पादों की जानकारी मिले और उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल व्यापार को प्रोत्साहन देगा, बल्कि यह लोगों के बीच स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता भी पैदा करेगा।
व्यापार और संस्कृति का संगम होगा स्वदेशी मेला
स्वदेशी मेला न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करेगा। मेले के दौरान प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा बाहरी कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें नृत्य, संगीत, नाटक और पारंपरिक कला के विभिन्न रूपों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो दर्शकों के लिए मुख्य आकर्षण होंगे। यह मेला कवर्धा के नागरिकों के लिए व्यापार और संस्कृति दोनों का संगम होगा।
मेले को लेकर उत्साहित हैं जिले के नागरिक
स्वदेशी मेला को लेकर जिले के नागरिकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। कई लोग इसे स्थानीय व्यापार के लिए एक बड़ा अवसर मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति और स्वदेशी उत्पादों को करीब से जानने का अवसर मान रहे हैं। स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों का कहना है कि उन्हें इस मेले के माध्यम से अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का बड़ा मंच मिल रहा है, जिससे वे अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकते हैं।
स्वदेशी मेला में प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र की झलक
स्वदेशी मेला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र की झलक साफ नजर आएगी। यह मेला स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ भारत के पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देगा। यह आयोजन न केवल व्यापार के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वदेशी आंदोलन को और मजबूती देने का एक प्रयास भी है। मेले का उद्देश्य लोगों को स्वदेशी उत्पादों की ओर आकर्षित करना और उन्हें अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्त्र, हस्तशिल्प और अन्य उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित करना है।
भूमिपूजन में प्रमुख लोगों की उपस्थिति
स्वदेशी मेला के भूमिपूजन कार्यक्रम में दानेश्वर सिंह परिहार जिला संघ चालक, डॉ. सुबीर श्रीवास्तव, सुब्रत चाकी, अतुल देशलहरा, पूर्णेंद्र सिन्हा, हरीश लूनिया, रवि वर्मा, मुकेश अग्रवाल, डॉ. अतुल जैन, विदेशी राम धुर्वे, प्रांजल ठाकुर, कैलाश चंद्रवंशी, रूपेश जैन, जी.आर. जगत, जयश पांचाल, मनी राम साहू, सनत साहू, विजयलक्ष्मी तिवारी, लता बैंस, सचिन अग्रवाल, राजकुमार वर्मा और अन्य गणमान्य नागरिक शामिल थे।