खाद की कमी पर गरमाया छत्तीसगढ़ विधानसभा, स्पीकर डॉ. रमन सिंह विपक्ष पर हुए नाराज


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को खाद-बीज की कमी को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने डीएपी (DAP) खाद की कमी का मुद्दा उठाया, जिस पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब दिया कि डीएपी की जगह वैकल्पिक खादों को बढ़ावा दिया जा रहा है और एक हफ्ते में कमी दूर कर ली जाएगी।
विपक्ष ने गर्भगृह में किया प्रदर्शन
सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भगृह तक पहुंच गए और वहीं धरने पर बैठ गए। यह पूरी घटना विधानसभा की कार्यवाही के दौरान हुई, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने जताई सख्त नाराजगी
इस व्यवहार से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह खासे नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार असंसदीय व्यवहार कर रहा है। बार-बार कहने पर भी नहीं मान रहे। ये छत्तीसगढ़ विधानसभा की 25 साल की संसदीय परंपरा को तोड़ने पर तुले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सदन की गरिमा देशभर में जानी जाती है, लेकिन विपक्ष के इस आचरण से पूरे छत्तीसगढ़ की छवि को नुकसान हो रहा है।
विधायक हुए स्वत: निलंबित, फिर भी नहीं हटे
नियमों के अनुसार, गर्भगृह में जाने पर विपक्ष के 30 विधायक स्वत: ही निलंबित हो गए, लेकिन इसके बावजूद वे वहां से हटे नहीं और धरने पर डटे रहे। इससे स्पीकर और ज्यादा नाराज हो गए और कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।
खाद की स्थिति पर क्या बोले कृषि मंत्री?
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राज्य को 18,850 मीट्रिक टन खाद मिलना है, जिसमें डीएपी, एनपीके सहित अन्य खाद शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 14 रैक खाद जल्द पहुंचने वाले हैं। सोसायटी को 60% और निजी क्षेत्र को 40% खाद दिया जा रहा है।
कालाबाजारी और नकली खाद पर भी उठा सवाल
उमेश पटेल ने आरोप लगाया कि कई व्यापारी किसानों को ऊंची कीमत पर खाद बेच रहे हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं और अमानक खाद बेचने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के समय नकली खाद खुलेआम बिकता था। इसका जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनके शासन में नकली खाद बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई हुई थी। इसके बाद सदन में तीखी नोकझोंक हुई और कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।