छत्तीसगढ़ में विकसित राज्य बनने और तीव्र विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं – सीएम विष्णुदेव साय

रायपुर नया रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ हुआ। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा, शिविर में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री पीएम मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प और विकसित छत्तीसगढ़ के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सार्थक परिचर्चा निश्चय ही परिणाममूलक होगी। छत्तीसगढ़ में विकसित राज्य बनने और तीव्र विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं और इस दिशा में आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ अपने विकास के साथ ही विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ही सुब्रमण्यम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्केल, स्पीड और इनोवेशन पर जोर देते हैं। बदलते अंतराष्ट्रीय परिदृश्य और समय को देखते हुए विकसित भारत का विजन तैयार किया गया है ताकि भारत अपनी विशिष्ट जगह बना सकें। उन्होंने कहा कि अब दुनिया की निगाहें ग्लोबल साउथ पर हैं। अब नजरिया पश्चिम से पूर्व की ओर देखने का है और भारत इन संभावनाओं को पूरा करने के लिए सक्षम है। भारत की जनांकिकी, भारत की रणनीतिक स्थिति और भारत में तेजी से हुए सुधारों से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए भारत तैयार है।
चाहे डिजिटल इकानामी हो, अथवा कर संबंधी सुधार हो। नवाचार को बढ़ावा देना हो, भारत इसमें अग्रणी रहा है और आने वाले समय में इन्हें तेजी से बढ़ाना है। विकसित भारत सबके लिए समृद्धि लेकर आये, इसके लिए कार्य करना है। क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याओं को देखते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देते हुए सतत विकास की दिशा में काम करना है। उन्होंने कहा कि जब हम विजन लेकर चलते हैं तो स्वाभाविक रूप से हमें एक गाइड मैप मिल जाता है और इसके अनुरूप हम बढ़ते जाते हैं। सुब्रमण्यम ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प पूरा करने में छत्तीसगढ़ की अहम भागीदारी होगी। छत्तीसगढ़ में विकसित राज्य बनने के लिए और तीव्र विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं और इस दिशा में आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ अपने विकास के साथ ही विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी मंत्रिगणों ने संवाद में भागीदारी करते हुए छत्तीसगढ़ में इस संबंध में बनाई जा रही नीतियों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने श्री सुब्रमण्यम के समक्ष अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं जिस पर विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सार्थक परिचर्चा हुई।