चिल्पी घाटी ने खींची टाटा–महिंद्रा की नजर: छत्तीसगढ़ सरकार 17 सरकारी रिसॉर्ट्स को लीज पर देने की तैयारी में, मैनपाट और बस्तर भी सूची में शामिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग राज्य के 17 सरकारी रिसॉर्ट्स को तीस वर्ष की दीर्घकालीन लीज पर देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विभाग की तैयारियों के बीच देश की दो दिग्गज कंपनियों टाटा और महिंद्रा ने विशेष रुचि दिखाई है। खास बात यह है कि इन कंपनियों ने मैनपाट, कुरदर और खास तौर पर चिल्पी घाटी की लोकेशन को बेहद आकर्षक और निवेश योग्य बताया है, जिसने पर्यटन विभाग की योजना को और गति दे दी है। टेंडर जारी होने से पहले कंपनियों का फील्ड निरीक्षण दौर लगातार जारी है।
कंपनियों ने जगदलपुर और कोंडागांव के रिसॉर्ट्स का किया निरीक्षण
हाल के दिनों में टाटा और महिंद्रा समेत देश के कई बड़े समूहों के प्रतिनिधियों ने बस्तर संभाग के कोंडागांव और जगदलपुर स्थित पर्यटन विभाग के प्रमुख रिसॉर्ट्स का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान प्रतिनिधियों ने लोकेशन, उपलब्ध सुविधाओं, आवागमन, कारोबारी संभावनाओं और रिसॉर्ट्स की वर्तमान आमदनी का विस्तृत अध्ययन किया। जगदलपुर वर्तमान में प्रदेश का सबसे लोकप्रिय पर्यटन केंद्र बन चुका है, जहां पर्यटन विभाग के रिसॉर्ट्स से हर वर्ष लाखों रुपये की आय होती है। अब जब राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां निवेश के लिए रुचि दिखा रही हैं, तो अनुमान है कि ये संस्थान टेंडर प्रक्रिया में प्रमुख दावेदार बन सकते हैं।
मैनपाट, चिल्पी घाटी और कुरदर में बढ़ा निवेश का आकर्षण
पर्यटन विभाग द्वारा संचालित कई हिल स्टेशन रिसॉर्ट्स ने इस बार निवेशकों की विशेष दिलचस्पी जगाई है। मैनपाट, चिल्पी घाटी और कुरदर घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और बढ़ते पर्यटक फुटफॉल के कारण इन कंपनियों की प्राथमिक पसंद बनकर उभरे हैं।
विशेष रूप से चिल्पी घाटी की लोकेशन को टाटा और महिंद्रा ने “बेहद संभावनाओं वाली साइट” बताया, जो समाचार का मुख्य आकर्षण है। विभाग द्वारा कंपनियों को सभी 17 रिसॉर्ट्स का फील्ड विजिट कराया गया, जहां उन्होंने सुविधाओं, खाली भूमि क्षेत्र, संभावित विस्तार और प्रीमियम टूरिज्म मॉड्यूल लागू करने की संभावनाओं का आकलन किया।
लीज पर मिलने के बाद कंपनियां कर सकेंगी रिसॉर्ट्स का मॉडर्नाइजेशन
लीज मिलने के बाद कंपनियों को रिसॉर्ट्स को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार मॉडिफाई करने, नई सुविधाएं जोड़ने और उन्हें लग्जरी श्रेणी तक विकसित करने की पूरी अनुमति होगी। ज्यादातर रिसॉर्ट्स 10 से 20 एकड़ के विशाल परिसर में फैले हुए हैं, जिससे विस्तार और प्रीमियम इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है। दिल्ली, मुंबई और अन्य महानगरों से आई टीमें रिसॉर्ट्स के साथ-साथ आसपास के पर्यटन स्थलों और संभावित विजिटर फ्लो का भी अध्ययन कर रही हैं।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद टेंडर जारी होगा
पर्यटन विभाग फिलहाल सभी रिसॉर्ट्स की लीज वैल्यू तय करने की प्रक्रिया में जुटा है। आधा दर्जन रिसॉर्ट्स के लिए कोटेशन फाइनल कर लिए गए हैं। विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलते ही 17 रिसॉर्ट्स के लिए औपचारिक टेंडर जारी कर दिया जाएगा। अनुमान है कि बड़े कॉर्पोरेट समूहों की दिलचस्पी मिलने से राज्य के पर्यटन ढांचे को नई दिशा और राष्ट्रीय स्तर की पहचान प्राप्त होगी।





