मोबाइल एप्स के जरिए मतदाताओं तक पहुंच रही है निर्वाचन संबंधी हर जानकारी

नई तकनीकों ने बढ़ाईं निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं की सहभागिता
कवर्धा, 03 अप्रैल 2024। निर्वाचन में सूचना प्रौद्योगिकी और नई तकनीकें अहम भूमिका निभा रही हैं। निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी एवं सहभागिता बढ़ाने में सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकों का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत निर्वाचन आयोग नई तकनीकों और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग निर्वाचन को और ज्यादा सुगम, निष्पक्ष तथा समावेशी बनाने में कर रहा है।
लोकतंत्र की मजबूती के लिए प्रत्येक नागरिक का जागरूक और सजग रहना जरूरी है। निर्वाचन आयोग द्वारा प्रौद्योगिकी आधारित मोबाइल एप्स विकसित कर उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया है। आयोग द्वारा विकसित विभिन्न मोबाइल एप्स के उपयोग से मतदाताओं की निर्वाचन प्रक्रियाओं में सहभागिता और सुविधा दोनो बढ़ी है।
वोटर हेल्पलाइन एप-
वोटर हेल्पलाइन एप से मतदाता अपना मतदाता परिचय पत्र (एपिक) नम्बर डाल कर बहुत ही आसानी से अपने विधानसभा, पोलिंग बूथ एवं मतदाता सूची में सरल क्रमांक पता कर सकते हैं। यदि एपिक नंबर नहीं मालूम है तो मतदाता अपना विवरण जैसे कि नाम, रिश्तेदार का नाम, उम्र, लिंग एवं निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी भरकर अपना नाम मतदाता सूची में खोज सकते हैं। यदि मतदाता का मोबाइल नंबर मतदाता सूची में पंजीकृत है तो मतदाता अपना ई-एपिक भी डाउनलोड कर सकता है। मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड न होने की स्थिति में आवश्यक सुधार के लिए आवेदन कर ई-एपिक भी डाउनलोड कर सकता है। इस एप के जरिए मतदाता अपना नाम जोड़ने, विलोपन, स्थानांतरण या संशोधन के लिए आवेदन भी कर सकते हैं। वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र सहित किसी भी अन्य क्षेत्र के प्रत्याशियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके माध्यम से प्रत्याशी द्वारा नामांकन के दौरान प्रस्तुत शपथ पत्र भी देखा जा सकता है। इसके जरिए मतगणना दिवस को परिणाम की अधिकृत जानकारी भी देखी जा सकती है। इस एप से निर्वाचन सम्बन्धी शिकायत भी की जा सकती है।
सी-विजिल एप-
इस एप के जरिए आम नागरिक निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की तस्वीर और वीडियो को सीधे निर्वाचन आयोग को भेज सकता है। निर्वाचन के दौरान अगर किसी भी नागरिक को यह दिखता है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है तो वह इस एप पर अपनी शिकायत भेज सकता है। शिकायतकर्ता फोन पर सी-विजिल एप्लीकेशन डाउनलोड कर सीधे घटना की फोटो, वीडियो या आडियो अपलोड कर सकते हैं। मतदाता को रिझाने के लिए पैसे अथवा उपहार वितरण, भड़काऊ भाषण देने, बिना अनुमति बैनर-पोस्टर लगाने, मदिरा वितरण, बिना अनुमति सभाएं करने, अनाधिकृत सामग्री परिवहन, प्रचार के समय की समाप्ति के बाद सभा, मतदान केन्द्र के 200 मीटर के अंदर प्रचार जैसे मामलों की शिकायत इस एप के माध्यम से की जा सकती है।
सक्षम मोबाइल एप-
इस एप के जरिए दिव्यांग मतदाताओं को निर्वाचन के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान करने का प्रयास किया गया है। आयोग ने सक्षम एप के रूप में दिव्यांगों के लिए एक वन स्टॉप साधन विकसित किया है। दिव्यांग मतदाता निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं। इस एप को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप को उपयोगकर्ताओं के अनुकूल (न्ेमत-तिपमदकसल) बनाने के लिए डिज़ाइन, ले-आउट, इंटरफ़ेस और सुविधाओं को बेहतर रूप दिया गया है। इसमें स्क्रीन रीडर, टेक्स्ट टू स्पीच सेवा, दृश्यता संवर्द्धन, रंग समायोजन जैसी सुविधाएं भी हैं। एप को दो-तरफ़ा इंटरैक्टिव प्लेटफ़ॉर्म के रूप में डिज़ाइन किया गया है। सक्षम एप के जरिए पंजीकरण की प्रक्रिया से लेकर मतदान के दिन पिक एंड ड्रॉप सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। साथ ही दिव्यांगजन के रूप में चिन्हित करने के लिए अनुरोध, सुधार, प्रमाणीकरण, व्हील चेयर, सहायता, अपने मतदान केंद्र को जानें, बूथ लोकेटर, अपने उम्मीदवारों को जानें, शिकायतें दर्ज करें जैसी कई अन्य सुविधाएं भी इस एप में उपलब्ध हैं।
सुविधा कैंडिडेट एप-
इस एप के माध्यम से निर्वाचन के लिए अभ्यर्थी को अपना नामांकन पत्र एवं शपथ पत्र ऑनलाइन भरने की सुविधा मिलती है। ऑनलाइन आवेदन के बाद स्लॉट बुक कर निर्धारित तिथि में भौतिक सत्यापन एवं निर्धारित शुल्क का भुगतान किया जा सकता है। इतना ही नहीं प्रत्याशी को रैली, सभा आदि की अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी इस एप में है।
वोटर टर्न ऑउट एप-
इस मोबाइल एप का उपयोग कर मतदान के दिन आम नागरिक मतदान की जानकारी पल-प्रतिपल देख सकते हैं। इस एप के जरिए नागरिक तीनों ही चरणों में वोटर टर्न ऑउट की अद्यतन स्थिति जान सकते हैं। मतदान के दिन मतदान केन्द्रों के पीठासीन अधिकारी द्वारा हर दो घंटे में अपने केन्द्र पर मतदान की अद्यतन जानकारी प्रदान की जाती है।
नो यूअर कैंडिडेट (केवायसी) एप-
इस एप के माध्यम से मतदाता निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मतदाता अपने लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की शिक्षा, संपत्ति, आपराधिक रिकार्ड आदि की जानकारी इससे प्राप्त कर सकता है। इस एप से मतदाताओं को निर्वाचन के लिए सही प्रत्याशी का चयन करने में मदद मिलती है।
इलेक्शन सीज़र मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) एप-
राज्य के 1800 से अधिक स्थैतिक एवं उड़नदस्ता दलों द्वारा की जा रही जब्ती (सीज़र) की कार्यवाहियों को इस एप पर अपलोड किया जाता है। पुलिस विभाग, आयकर विभाग, जीएसटी विभाग के अधिकारी हर जब्ती को इस एप पर अद्यतन करते हैं। इससे निर्वाचन आयोग को स्थैतिक एवं उड़नदस्ता दलों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों की जानकारी मिलती है और उन पर आवश्यक कार्रवाई की जाती है।
मतदाता फोटो पहचान पत्र के अतिरिक्त 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज दिखाकर भी मतदाता कर सकेंगे मतदान
कवर्धा, 03 अप्रैल 2024। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि छत्तीसगढ़ लोकसभा निर्वाचन 2024 अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सभी मतदाताओं को निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए गए हैं। आयोग सभी मतदाताओं से अपेक्षा करता है कि वे मतदान स्थल पर अपना मत देने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए आयोग की ओर से जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाएंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने कहा कि यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र नहीं दिखा पाता है तो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उनके लिए 12 वैकल्पिक दस्तावेज भी अनुमत किए गए है। ऐसे निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते है, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निम्नलिखित 12 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। जिसमें आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज एवं केंद्र सरकार, राज्य सरकार, लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों व डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड एवं सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड शामिल है। मतदाता इनमें से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत कर मतदान कर सकेंगे। प्रवासी निर्वाचकों को जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर निर्वाचक नामावालियों में पंजीकृत है, मतदान केंद्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट (तथा अन्य कोई पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जाएगा।
