स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मंकी पॉक्स के खिलाफ जागरूकता शिविर लगाने का दिया निर्देश
डब्ल्यूएचओ द्वारा घोषित की गई सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में, प्रदेश में मंकी पॉक्स के प्रभावी नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी

रायपुर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 14 अगस्त 2024 को मंकी पॉक्स (एम-पॉक्स) को “पब्लिक हेल्थ एमरजेन्सी ऑफ इंटरनेशनल कान्स” (PHEIC) घोषित किए जाने के बाद, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी किए हैं।
मंकी पॉक्स: महामारी की नई चुनौती
स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देशित किया है कि सभी जिले और विशेष रूप से ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर नागरिकों को मंकी पॉक्स की जानकारी दी जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एडवायसरी के दिशा-निर्देशों का पालन पूरी गंभीरता से किया जाए।
मंकी पॉक्स एक जीनोम आधारित बीमारी है जो मुख्यतः मध्य और पश्चिम अफ्रीका में होती है, लेकिन हाल के दिनों में अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। भारत के केरल राज्य में मार्च 2024 में इसके पहले मामले रिपोर्ट किए गए थे। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते और लिम्फ नोड्स में सूजन शामिल हैं। मंकी पॉक्स आमतौर पर स्व-सीमित होता है, जिसमें लक्षण 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में मृत्यु दर 1 से 10 प्रतिशत तक हो सकती है।
संक्रमण नियंत्रण के लिए जारी दिशा-निर्देश
मंकी पॉक्स का संक्रमण पशु से मानव और मानव से मानव दोनों के माध्यम से फैल सकता है। संक्रमण का फैलाव मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति के लंबे समय तक निकट संपर्क में रहने से होता है, या उनके शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से होता है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मंकी पॉक्स के संभावित प्रकरणों की निगरानी और त्वरित पहचान के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों में मरीजों का आइसोलेशन, संपर्क व्यक्तियों की पहचान, और संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम शामिल हैं। प्रत्येक पॉजिटिव मरीज के संपर्क व्यक्तियों की पहचान कर 21 दिनों तक उनकी निगरानी की जाएगी, और उन्हें रक्त, अंग, या अन्य सामग्री दान करने से रोका जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे मंकी पॉक्स के खिलाफ प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं और लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करें।