

रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने वाला है। प्रदेश में सक्रिय होते मानसून के चलते आने वाले चार दिनों तक कई जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने इसके मद्देनज़र भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के मुताबिक 23 जुलाई से 26 जुलाई तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
राजधानी रायपुर में बीते कुछ दिनों से बारिश नहीं हुई थी, जिससे लोगों को उमस और गर्मी का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि आज सुबह कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी जरूर हुई, लेकिन दोपहर होते-होते तेज धूप ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बन रही प्रणाली के असर से प्रदेश में वर्षा की तीव्रता अब बढ़ने वाली है।
मौसम विभाग ने दक्षिण छत्तीसगढ़ के जिलों—सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, कोण्डागांव, कांकेर, धमतरी और गरियाबंद—के लिए विशेष रूप से सतर्क किया है। इन जिलों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं और आंधी-तूफान आने की भी आशंका है। विभाग ने यहां रेड अलर्ट जारी किया है और स्थानीय प्रशासन को आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, महासमुंद, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, सरगुजा और जशपुर जैसे जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है, जहां गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में बिजली गिरने और आंशिक जलभराव जैसी स्थिति बन सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, फिलहाल मानसून की द्रोणिका रेखा जम्मू से लेकर पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके अलावा, दक्षिण ओडिशा और उससे लगे क्षेत्रों में ऊपरी हवा में एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है, जो समुद्र तल से लगभग 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला हुआ है। 24 जुलाई के आसपास उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की भी संभावना है, जिससे बारिश की तीव्रता और अधिक बढ़ सकती है।
मौसम विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि अगले कुछ दिनों तक बिना जरूरी कारण घर से बाहर न निकलें और मौसम से संबंधित चेतावनियों पर विशेष ध्यान दें। किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे खेतों में जलभराव की स्थिति से बचाव के उपाय पहले से करें।