छत्तीसगढ़ में आज से लागू हुई 200 यूनिट बिजली बिल हाफ योजना, लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आज से 200 यूनिट तक की बिजली बिल हाफ योजना लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था प्रभावी हो गई है। इससे करोड़ों रुपए की बचत सीधे उपभोक्ताओं की जेब में जाएगी। विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान की गई इस घोषणा को सरकार ने त्वरित रूप से लागू किया है, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को महंगाई के बीच बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
200 यूनिट तक आधा बिल, 400 यूनिट वालों को भी एक साल की छूट
नए प्रावधान के अनुसार, प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक आधे बिजली बिल का भुगतान करना होगा। साथ ही 200 से 400 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को भी अगले एक वर्ष तक 200 यूनिट के आधार पर हाफ बिल का लाभ दिया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि अधिक खपत वाले उपभोक्ता प्रधानमंत्री सौर ऊर्जा योजना में आवेदन कर अपने घरों में सोलर पैनल स्थापित कर सकें। सरकार का अनुमान है कि इस निर्णय से प्रदेश के कुल 45 लाख उपभोक्ताओं में से लगभग 42 लाख उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
बिजली बिल हाफ योजना में पहले हुए बदलावों का प्रभाव
जानकारी हो कि पूर्व सरकार के समय इस योजना की सीमा 400 यूनिट तक थी। अगस्त 2025 में इसे घटाकर 100 यूनिट कर दिया गया था, जिससे लाखों परिवार प्रभावित हुए। अब नवीनतम निर्णय ने एक बार फिर बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को राहत देने का रास्ता खोला है। सरकार का कहना है कि नई व्यवस्था आर्थिक रूप से अधिक स्थायी और ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित करने वाली होगी।
राज्य की राजनीति में नया गर्म मुद्दा
मुख्यमंत्री की इस घोषणा को जहां जनता राहत के रूप में देख रही है, वहीं विपक्ष ने इसे पुरानी व्यवस्था से पीछे हटना बताया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भूपेश बघेल सरकार द्वारा लागू 400 यूनिट तक हाफ बिल की सुविधा अधिक लाभकारी थी और नई सरकार को वही व्यवस्था पुनः लागू करनी चाहिए। बिजली बिल के मुद्दे पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री निवास घेराव की घोषणा भी की है।
2019 में शुरु हुई थी हाफ बिजली बिल योजना
बिजली बिल हाफ योजना का आरंभ 1 मार्च 2019 को किया गया था। मकसद था घरेलू उपभोक्ताओं को बढ़ती महंगाई से राहत देना। पहले 400 यूनिट तक के बिलों पर आधा भुगतान लागू था, और यदि खपत 400 यूनिट से अधिक भी हो जाए, तो पहले 400 यूनिट पर ही छूट का लाभ मिलता था। नई व्यवस्था के साथ अब योजना का दायरा फिर से पुनर्गठित किया गया है ताकि अधिक उपभोक्ताओं को राहत मिल सके और सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन मिले।





