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इसरो यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 उपग्रह को करेगा लॉन्च

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज बुधवार शाम 4.08 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C59 यान से प्रोबा-3 मिशन को लॉन्च करेगा। पीएसएलवी-C59 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रोबा-3 उपग्रहों को अत्यधिक दीर्घवृत्ताकार कक्षा में लॉन्च करेगा।

अंतरिक्ष में क्या कार्य करेगा प्रोबा-3 उपग्रह ?
इसरो की वाणिज्यिक शाखा ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ (एनएसआईएल) को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से यह ऑर्डर मिला है। कक्षा में पहुंचने के बाद प्रोबा-3 उपग्रह दो भागों में विभाजित हो जाएंगे। उपग्रह सूर्य के कोरोना, उसके आस-पास के वातावरण, अंतरिक्ष मौसम और सौर हवा का अध्ययन करेंगे।

बताना चाहेंगे प्रोबा-3 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का इन-ऑर्बिट डेमोस्ट्रेशन (IOD) मिशन है। इस मिशन का लक्ष्य ‘प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग’ यानी सटीक फॉर्मेशन उड़ान का प्रदर्शन करना है। इसमें 2 अंतरिक्ष यान शामिल हैं, अर्थात कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट (CSC) और ऑकुल्टर स्पेसक्राफ्ट (OSC) और इसे एक साथ स्टैक्ड कॉन्फ़िगरेशन में लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च की योजना फर्स्ट लॉन्च पैड (FLP), सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से बनाई गई है।

PROBA-3 मिशन के बारे में जानें खास बातें

• यूरोप के कई देशों का एक पार्टनरशिप प्रोजेक्ट PROBA-3 मिशन है।

• पार्टनरशिप में स्पेन, पोलैंड, बेल्जियम, इटली और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।

• मिशन की कुल लागत लगभग 200 मिलियन यूरो बताई जा रही है।

 PROBA-3 मिशन 2 सालों तक चलेगा।

• पहली बार अंतरिक्ष में ‘प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग’ को टेस्ट किया जाएगा।

• एक साथ दो सैटेलाइट उड़ेंगे, जो लगातार एक ही फिक्स कॉन्फिगरेशन को मेंटेन करेंगे।

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News Desk

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