बलौदाबाजार | कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा संचालित सम्पर्क केन्द्र अब बंधुआ मजदूरों के लिए घर वापसी का एक कारगर माध्यम बन गया है। हाल ही में तहसील बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम परसाभदेर के 17 मजदूरों और बिलासपुर जिले के 10 मजदूरों को महाराष्ट्र के बीड जिले के कोपरा गांव में बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया।
जिला प्रशासन ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस विभाग एवं श्रम विभाग के समन्वय से 13 दिसंबर को मजदूरों को बंधक मुक्त कराया और 15 दिसंबर को सभी मजदूर सकुशल अपने घर लौट आए।
ठेकेदार के चंगुल से मुक्त मजदूरों ने कलेक्टर को कहा धन्यवाद
बंदूक से मुक्त होने के बाद मजदूरों ने सोमवार को कलेक्टर दीपक सोनी से भेंट की और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। कलेक्टर ने सभी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार करने की सलाह दी।
कैसे फंसे मजदूर?
मजदूरों ने बताया कि जय आनंद काम्बले नामक व्यक्ति ने उन्हें अधिक मजदूरी का लालच देकर महाराष्ट्र बुलाया था। वहां पहुंचने के कुछ दिनों तक उन्हें काम नहीं मिला। करीब 10 दिन बाद जय आनंद काम्बले ने उन्हें परमेश्वर नामक व्यक्ति के अधीन काम करने छोड़ दिया। परमेश्वर ने मजदूरों से अमानवीय तरीके से काम लिया। मजदूरों के विरोध करने पर उन्हें यह ज्ञात हुआ कि जय आनंद काम्बले ने उन्हें 3 लाख रुपये में परमेश्वर को बेच दिया था।
परिवारों ने संपर्क केन्द्र से की मदद की गुहार
घटना की जानकारी मजदूरों ने अपने परिजनों को दी, जिसके बाद परिजनों ने बलौदाबाजार में संचालित सम्पर्क केन्द्र में पूरी घटना की जानकारी दी। जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की।
बंधक मजदूरों के नाम:
मुक्त कराए गए मजदूरों में बलौदाबाजार के पीयेन्द्र मनहरे, सावित्री मनहरे, सुरजा मनहरे, सुहानी मनहरे, साधना मनहरे, निलेश मनहरे, कन्हैया मनहरे, आशीन मनहरे, राजकुमारी, दशरथ, सागर जोसेफ सहित कुल 17 मजदूर और बिलासपुर जिले के 10 मजदूर शामिल हैं।