करेंगुट्टा ऑपरेशन: नक्सलियों के खिलाफ पांचवें दिन भी मोर्चा कायम, सुरक्षाबलों ने विशाल गुफा ठिकाने पर बनाया दबाव

जगदलपुर। बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर करेंगुट्टा की पहाड़ी में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सबसे बड़े संयुक्त अभियान का आज पांचवां दिन है। सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया है और रणनीति के तहत धीरे-धीरे पहाड़ी की ओर बढ़ रहे हैं।
इस बीच फोर्स को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जवान नक्सलियों के एक प्रमुख ठिकाने तक पहुंचने में कामयाब हुए हैं। यह गुफा इतनी विशाल है कि यहां एक हजार से अधिक लोग कई दिनों तक रह सकते हैं। गुफा के अंदर पानी की भी व्यवस्था है और एक बड़ा खुला मैदान भी मौजूद है। हालांकि फोर्स के पहुंचने से पहले नक्सली अपना ठिकाना बदल चुके थे, लेकिन उनकी उपस्थिति के कई प्रमाण मिले हैं।
सूत्रों के मुताबिक, करेंगुट्टा की पहाड़ी पर नक्सलियों के शीर्ष नेता जैसे माड़वी हिड़मा, दामोदर, बंडी प्रकाश, आजाद, चन्द्रान्ना, जे सुजाता, कट्टाराम चन्द्र रेड्डी, विकल्प, विज्जो, उर्मिला, गंगा, मंगड्डू, अभय समेत दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य पापाराव और देवा भी मौजूद हैं। ये सभी नक्सल संगठन का थिंक टैंक माने जाते हैं।
चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और भीषण गर्मी के बावजूद लगभग दस हजार से अधिक जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीएएफ और बस्तर फाइटर जैसी विशेष इकाइयाँ अभियान में जुटी हैं। तेज गर्मी के कारण कुछ जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हुए हैं, जिन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल भेजकर अन्य जवानों से बदला जा रहा है।
नक्सलियों के पास इस समय लगभग एक महीने का राशन और पर्याप्त पानी की उपलब्धता है। बारहमासी नाले के कारण पानी की कोई कमी नहीं है, जिससे ऑपरेशन लंबा चलने की संभावना है। वहीं, लगातार दबाव और खाद्य सामग्री की कमी के चलते आने वाले दिनों में नक्सलियों के मनोबल पर असर पड़ सकता है।
लगभग 150 किलोमीटर के इलाके पर ड्रोन के माध्यम से निरंतर निगरानी की जा रही है। क्षेत्र में रुक-रुककर फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं, हालांकि अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
सुरक्षा बलों ने रणनीति के तहत नक्सलियों पर दबाव बढ़ा दिया है। जानकारों का मानना है कि यदि यही हालात रहे तो नक्सलियों के सामने जल्द ही ‘मरो या आत्मसमर्पण करो’ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।