छत्तीसगढ़ सरकार का मास्टर स्ट्रोक, कन्या विवाह योजना में मिलेगा सीधे 35,000 रुपये का खजाना!
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में भ्रष्टाचार रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने किया बड़ा बदलाव, नई व्यवस्था से वित्तीय अनियमितताओं पर लगेगा कड़ा अंकुश
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत अब छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने योजना के तहत मिलने वाली 50,000 रुपये की राशि के व्यय मापदंड में संशोधन किया है। इस बदलाव के अनुसार, अब सरकार से मिलने वाली राशि का 35,000 रुपये का हिस्सा सीधे नवविवाहिता के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा, जबकि शेष 15,000 रुपये से विवाह संबंधी सामान खरीदा जाएगा।
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर नियंत्रण
पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। अधिकारियों पर यह आरोप था कि योजना के तहत मिलने वाली राशि का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था, और कई बार घटिया सामान खरीदी जाती थी। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने अब व्यय मापदंड में बड़ा बदलाव किया है। इस नए प्रारूप के तहत अब कन्या के खाते में सीधे 35,000 रुपये भेजे जाएंगे, जिससे न केवल लाभार्थी को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी नियंत्रण होगा।
शादियों के सीजन में आवेदनों की शुरूआत
जैसे ही शादियों का सीजन शुरू हुआ, महिला एवं बाल विकास विभाग को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आवेदन मिलना शुरू हो गए हैं। योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों की शादी करवाई जाती है, और अब इस योजना का लाभ लेने वाली नवविवाहिताओं के लिए खुशखबरी है कि उन्हें सीधा वित्तीय लाभ मिलेगा।
नव विवाहितों के लिए योजना का प्रभाव
इस बदलाव के परिणामस्वरूप, नवविवाहित जोड़ों को बिना किसी मध्यस्थ के सीधा लाभ मिलेगा। अब अधिकारी मनमानी खर्च नहीं कर सकेंगे, क्योंकि योजना के तहत निर्धारित खर्चों के अनुसार ही राशि का उपयोग किया जाएगा। विवाह आयोजन के लिए कुल 8,000 रुपये खर्च होंगे, जिसमें पंडाल और भवन किराया, 20 अतिथियों के लिए भोजन और नाश्ता, फोटो और प्रमाण पत्र, आकस्मिक व्यय और परिवहन शामिल हैं। शेष 7,000 रुपये वर-वधु के कपड़े, श्रृंगार सामग्री, जूते-चप्पल, चुनरी, साफा, मंगलसूत्र जैसे जरूरी सामान पर खर्च किए जाएंगे।
सामूहिक विवाहों में होगा लाभार्थियों का विवाह
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और मार्च 2024 के पहले सामूहिक विवाह आयोजित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 मार्च 2024 को आदेश जारी किया था, जिसके तहत यह नया मापदंड 2024-25 से लागू होगा। इस संशोधन से बीपीएल परिवारों से जुड़ी नवविवाहित जोड़ों को बड़ा लाभ मिलेगा, खासकर दंतेवाड़ा जैसे पिछड़े जिलों में रहने वाली युवतियों के लिए यह योजना सहायक साबित होगी।