कबीरधाम जिले में शुरू हुआ आदि कर्मयोगी अभियान के तहत मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण, सांसद संतोष पाण्डेय एवं पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने किया शुभारंभ


कवर्धा। अनुसूचित जनजातियों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के उद्देश्य से ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ अंतर्गत तीन दिवसीय ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज महाराजपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में हुआ। सांसद संतोष पाण्डेय एवं पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर सांसद श्री पाण्डेय ने कहा कि मास्टर ट्रेनर्स योजनाओं को घर-घर तक पहुँचाने में सेतु की भूमिका निभाएँगे। उन्होंने जनजातीय नायकों बिरसा मुंडा, वीर नारायण सिंह और सुरेंद्र साय के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि उनके संघर्ष और आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से 17 विभागों को जोड़ा गया है, ताकि लंबे समय से उपेक्षित समाज तक योजनाएँ पहुँच सकें।
विधायक भावना बोहरा ने कहा कि मास्टर ट्रेनर्स ग्राम स्तर पर फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे योजनाओं की जानकारी सीधे जन-जन तक पहुँचेगी। उन्होंने कहा कि यह अभियान सरकार और समाज के बीच मजबूत कड़ी बनेगा तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण, आजीविका, कौशल विकास, कृषि और सामाजिक सुरक्षा जैसे विभागों के समन्वित प्रयास से जनजातीय समाज विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेगा।
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जानकारी दी कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 10 जुलाई 2025 को ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ का शुभारंभ किया गया था। इसके तहत 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पर्व और आदि कर्मयोगी सेवा अभियान आयोजित होगा। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” का अगला चरण है, जिसकी परिकल्पना विश्व के सबसे बड़े जनजातीय नेतृत्व आंदोलन के रूप में की गई है।
आदिमजति विकास सहायक आयुक्त एलपी पटेल ने बताया कि कबीरधाम जिले के चार विकासखंडों से सात विभागों के 28 मास्टर ट्रेनर्स इस प्रशिक्षण में शामिल हुए हैं। इन्हें राज्य स्तर पर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स मार्गदर्शन देंगे। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद ये ट्रेनर्स ग्राम स्तर पर कैडर फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को तैयार करेंगे, जो योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जागरूकता में योगदान देंगे।
इसके तहत प्रत्येक चयनित ग्राम में ‘आदि सेवा केंद्र’ की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों के माध्यम से शासकीय सेवाओं की प्रदायगी, जनसुनवाई और ग्राम विकास योजनाओं के निर्माण में सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही प्रत्येक ग्राम में न्यूनतम 20 वालंटियर कैडर तैयार कर उन्हें ग्राम सभा की बैठकों में शामिल किया जाएगा।