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विधानसभा में गरमाया मानसून सत्र: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने CSR खर्च पर उठाए सवाल, अजय चंद्राकर-देवेंद्र यादव के बीच तीखी बहस; रेत खनन और जल मिशन पर विपक्ष ने किया वॉकआउट

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रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार को गहमागहमी और सियासी तकरार से भरा रहा। सत्र के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली, वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को भी बीच में हस्तक्षेप कर विधायकों को अनुशासन में रहने की सख्त हिदायत देनी पड़ी।

सीएसआर राशि के खर्च पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उठाया सवाल

विधानसभा में मंगलवार को भाजपा विधायक और प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने बस्तर में उद्योगों से प्राप्त CSR मद की राशि को लेकर बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि 21 करोड़ रुपये के फंड में से 7.44 करोड़ की राशि कहां और कैसे खर्च हुई, इसका स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया है।

किरण देव ने यह भी कहा कि उनके द्वारा प्रस्तावित विकास कार्यों को अब तक अनुमोदन नहीं मिला, और प्रावधानित राशि में कटौती भी की गई है। जवाब में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है और शेष 17 प्रस्तावों पर विचार जारी है।

इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि CSR मद में वर्तमान और पिछली सरकार के दौरान मिली राशि की तुलनात्मक जांच होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि आखिर उद्योगों से CSR फंड का कितना प्रतिशत मिलना चाहिए और वास्तव में कितना मिला है।

अजय चंद्राकर और देवेंद्र यादव में बहस, अध्यक्ष ने फटकारा

प्रश्नकाल के दौरान राज्य स्तरीय उच्च पावर समिति की अनुशंसा पर चर्चा हो रही थी, इसी बीच भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के बीच बहस इतनी तेज हो गई कि दोनों एक-दूसरे पर जोर-जोर से बोलने लगे।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहना पड़ा, “ये विधानसभा है, सड़क नहीं कि कोई खड़े होकर भाषण देता रहे।” उन्होंने दोनो विधायकों को फटकारते हुए कहा कि वे आसंदी की ओर देखकर अपनी बात रखें और एक-दूसरे को देखकर जवाब न दें।

जल जीवन मिशन पर गरमाया माहौल, विपक्ष का वॉकआउट

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन के तहत सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने जानना चाहा कि सरकार बनने के बाद 17 महीनों में कितने नल कनेक्शन दिए गए और कितनी राशि खर्च की गई।
जवाब में पीएचई मंत्री अरुण साव ने कहा कि 10 लाख नल कनेक्शन दिए गए हैं। विपक्ष ने इस आंकड़े को झूठा बताया और विरोध स्वरूप सदन से वॉकआउट कर दिया।

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने जल जीवन मिशन में फर्जी दस्तावेजों से काम लेने की शिकायत उठाई और आरोप लगाया कि नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। मंत्री ने जवाब में कहा कि अगर गड़बड़ी पाई गई तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अवैध रेत खनन पर भी विपक्ष का विरोध, स्थगन प्रस्ताव खारिज

रेत खनन के मुद्दे पर शून्यकाल के दौरान विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने समय पर सूचना न देने के कारण अस्वीकार कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश में दो हजार से अधिक स्थानों पर अवैध रेत खनन हो रहा है। विधायक उमेश पटेल और देवेंद्र यादव ने कहा कि शिकायतों के बावजूद प्रशासन और सरकार चुप है।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “रेत माफिया ने सरकार को अपनी जेब में रख लिया है।” स्थगन प्रस्ताव खारिज होने के बाद विपक्ष ने जोरदार नारेबाज़ी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

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