नक्सलियों ने फिर शांतिवार्ता का प्रस्ताव रखा; गृहमंत्री विजय शर्मा बोले — “हथियार छोड़कर आएं तो बात हो सकती है”


कवर्धा। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक बार फिर शांति वार्ता का प्रस्ताव केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष रखा है। उन्होंने एक समाचार-पर्चा जारी कर एक माह के लिए सीज-फायर की मांग और हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने की इच्छा जताई है। इस पर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पत्र की प्रामाणिकता की जांच के बाद केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 15 अगस्त को नक्सलियों द्वारा जारी किया गया पत्र कितना ऑथेंटिक है, इसकी जांच अपरिहार्य है। उन्होंने कहा, “बस्तर में शांति व्यवस्था लागू हो इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अगर नक्सली हथियार छोड़कर आते हैं तो बात हो सकती है। पत्र में कुछ शब्दावलीगत परिवर्तन भी दिखे हैं, जिससे विरोधाभास उत्पन्न होता है इसे भी जांचना जरूरी है।”
नक्सलियों के बयान में क्या कहा गया है
केंद्रीय समिति के प्रवक्ता ‘अभय’ ने जारी पर्चे में कहा है कि मार्च 2025 से उनकी पार्टी शांति वार्ता के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। पर्चे में उल्लेख है कि पार्टी ने पहले भी 10 मई को संवाद का संकेत दिया था और सरकार से एक माह का समय मांगते हुए सीज-फायर प्रस्ताव रखा था, किन्तु केंद्र की तरफ से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं मिली। पर्चे में यह भी कहा गया है कि जन आंदोलनों का अधिकार बने रहने पर भी वे शांति वार्ता के जरिए समस्याओं का समाधान चाहेंगे।
पत्र में आगे लिखा है कि हालिया नक्सल उन्मूलन अभियान और सुरक्षा बलों की कार्रवाइयों के मद्देनजर पार्टी के कई साथियों की जान गई माड़ के मुंडेकोट के पास 21 मई को हुए हमले में पार्टी के महासचिव बसवराजू सहित कई सहकर्मियों के शहीद होने का जिक्र पत्र में है। इस पृष्ठभूमि में नक्सलियों ने शांति वार्ता आगे बढ़ाने और हथियार छोड़ने का संकेत देते हुए औपचारिक रूप से वार्ता के लिए ई-मेल और फेसबुक आईडी भी जारी की है। जारी ई-मेल के रूप में पत्र में “nampet (2025)@gmail.com” उल्लेखित किया गया है।
वार्ता के तरीके और शर्तें
प्रवक्ता अभय ने कहा है कि वे सरकार या सरकार द्वारा नामित प्रतिनिधिमंडल से वीडियो कॉल के माध्यम से भी विचार-विमर्श के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी को अपने कैद और जेल में मौजूद सदस्यों से सलाह-मशविरा करने हेतु एक माह का समय चाहिए। पर्चे में स्पष्ट किया गया है कि शांति प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए खोजी अभियानों व कार्रवाईयों पर अस्थायी विराम आवश्यक है — और यह सब सरकार के अनुकूल रुख पर निर्भर करेगा।
सरकार की प्रतिक्रिया और आगे का रास्ता
प्रदेश गृह विभाग ने फिलहाल पत्र की प्रामाणिकता और पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार इस मसले पर आगे की नीति तय की जाएगी। सुरक्षा और जांच एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कोई औपचारिक वार्ता/सीज-फायर की घोषणा की जा सकती है।
