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बिहार में नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान: घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली मुफ्त, 1 अगस्त से लागू होगी योजना

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की आम जनता को राहत देते हुए गुरुवार को एक बड़ी योजना का ऐलान किया। उन्होंने घोषणा की कि 1 अगस्त 2025 से राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। इस घोषणा का लाभ राज्य के करीब 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को सीधे तौर पर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इसे जनता के हित में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम बताया।

जुलाई के बिल से मिलेगा लाभ

सरकार की यह योजना आगामी 1 अगस्त से लागू होगी, लेकिन उपभोक्ताओं को इसका असर जुलाई 2025 के बिजली बिल में ही दिखने लगेगा। यानी जिन उपभोक्ताओं की खपत 125 यूनिट तक होगी, उन्हें किसी प्रकार का भुगतान नहीं करना होगा। अगर किसी उपभोक्ता की खपत इससे अधिक होती है, तो उन्हें सिर्फ अतिरिक्त यूनिट का ही शुल्क देना होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह सुविधा सभी घरेलू उपभोक्ताओं को स्वतः मिलेगी, इसके लिए किसी तरह का आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की। उन्होंने लिखा कि बिहार सरकार शुरू से ही राज्य के नागरिकों को सस्ती और सुगम बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध रही है। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि 1 अगस्त 2025 से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी, जिससे उन्हें महंगाई के इस दौर में सीधा राहत मिलेगा।

सौर ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा

सरकार ने बिजली राहत योजना के साथ-साथ एक और दीर्घकालिक योजना की भी घोषणा की है, जिसके तहत अगले तीन वर्षों में राज्य भर में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की योजना है कि सभी घरेलू उपभोक्ताओं की सहमति से उनके घरों की छतों या नजदीकी सार्वजनिक स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इससे उन्हें भविष्य में सस्ती, स्थायी और स्वच्छ बिजली मिल सकेगी। इस पहल से राज्य में लगभग 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

गरीब परिवारों के लिए विशेष सहायता

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कुटीर ज्योति योजना के अंतर्गत बहुत गरीब परिवारों को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए किसी प्रकार का खर्च नहीं करना पड़ेगा। इसका पूरा वित्तीय भार राज्य सरकार उठाएगी। वहीं अन्य उपभोक्ताओं को भी सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी ताकि वे सौर ऊर्जा से जुड़ सकें और भविष्य में बिजली पर होने वाले खर्च से राहत पा सकें।

चुनाव पूर्व राजनीतिक संदेश भी साफ

बिहार में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे समय में मुख्यमंत्री की यह घोषणा न केवल सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका राजनीतिक संदेश भी साफ है। मुफ्त बिजली जैसी योजनाएं ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं। खासकर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह योजना सीधा राहत लेकर आएगी, जो राज्य की राजनीति में एक निर्णायक वर्ग माने जाते हैं।

रोजगार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी घोषणाएं

बिजली राहत योजना के साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में रोजगार सृजन और महिला कल्याण से जुड़ी कई घोषणाएं भी की हैं। उन्होंने कहा कि 2025 से 2030 तक बिहार में एक करोड़ नई नौकरियों और रोजगार के अवसर तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा, राज्य की 8,000 से ज्यादा पंचायतों में विवाह भवनों का निर्माण कराया जाएगा, ताकि गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में सुविधा हो सके। साथ ही महिला आरक्षण नीति में संशोधन करते हुए अब 35% आरक्षण का लाभ केवल बिहार की महिलाओं को ही मिलेगा, बाहरी राज्यों की महिलाओं को नहीं।

जन-कल्याण और ऊर्जा सुधार की दिशा में मजबूत कदम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह योजनाएं साफ तौर पर जन-कल्याण और ऊर्जा सुधार की दिशा में एक मजबूत प्रयास हैं। जहां एक ओर यह आम जनता को सीधी राहत देती हैं, वहीं दूसरी ओर ये राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी अग्रसर करती हैं। आने वाले चुनावी माहौल में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस फैसले को किस रूप में लेती है, लेकिन फिलहाल बिहार की सियासत में इस योजना ने नई हलचल जरूर पैदा कर दी है।

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Ankita Sharma

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