कवर्धा में नायब तहसीलदार पर मनमानी का आरोप: बिना दस्तावेज जांच के कब्जा दिलाने पहुंचे अधिकारी, ग्रामीणों में आक्रोश


कवर्धा। जिले के घुघरीकला गांव में भूमि विवाद के एक मामले में नायब तहसीलदार विकास जैन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी ने बिना दस्तावेज जांच और सीमांकन के, एक पक्ष को जबरन भूमि कब्जा दिलाने का प्रयास किया, जिससे गांव में तीव्र आक्रोश फैल गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवादित भूमि खसरा नंबर 237/2, 237/28 और 237/29 क्रमशः रुक्मिणी बाई, धनेश्वर नाथ योगी और कुमारिन बाई के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। भूमि का वास्तविक कब्जा भी इन्हीं स्वामियों के पास है। वहीं, शंकर चंद्रवंशी के नाम दर्ज खसरा नंबर 237/13 न तो सीमांकित है और न ही भूमि पर उनका कोई भौतिक कब्जा है।
सबसे बड़ी विसंगति यह है कि शंकर चंद्रवंशी की रजिस्ट्री में चौहद्दी का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, जो छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 और नियम 35 का सीधा उल्लंघन है।
ग्रामीणों के अनुसार, 26 जून की सुबह नायब तहसीलदार विकास जैन बिना किसी पूर्व सूचना के गांव पहुंचे और कब्जा दिलाने की प्रक्रिया करने लगे। जब भूमि स्वामियों ने दस्तावेज मिलान की मांग की तो अधिकारी ने उनकी बात को नजरअंदाज कर एकपक्षीय कार्यवाही करने की धमकी दी।
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की कार्यशैली राजस्व नियमों के साथ-साथ प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का भी सीधा उल्लंघन है। स्थानीय लोगों ने माननीय गृहमंत्री एवं विधायक विजय शर्मा से तत्काल हस्तक्षेप कर संबंधित अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।






