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STF का ऑपरेशन क्लीन कबीरधाम: अवैध निवासियों पर पुलिस का बड़ा शिकंजा, फर्जी दस्तावेज़ों पर रह रहे संदिग्धों की धरपकड़, नौ आरोपी नामजद, दो प्रकरण दर्ज

किरायेदार सत्यापन अब हुआ डिजिटल, QR कोड स्कैन कर घर बैठे दर्ज करें पूरी जानकारी

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कवर्धा । जिले में आज सुबह 5 बजे एक सुनियोजित और सख्त कार्रवाई में विशेष टास्क फोर्स (STF) और जिला पुलिस ने जिलेभर में अवैध रूप से रह रहे संदिग्धों पर शिकंजा कस दिया। यह अभियान जिले के पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के स्पष्ट निर्देशों और निगरानी में संचालित किया गया, जिसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह बघेल कर रहे हैं।

सघन तलाशी अभियान में दर्जनों संदिग्धों की पहचान, कई गिरफ्तार

कवर्धा शहर एवं आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस ने एक साथ दबिश देकर कई मकानों, बस्तियों और अस्थायी आवासों की तलाशी ली। दर्जनों व्यक्तियों की पहचान की गई, जिनमें से कई के पास कोई वैध पहचान पत्र, किरायेदारी संबंधी दस्तावेज़ या पुलिस सत्यापन नहीं था। पुलिस ने सोमवार तड़के विशेष टास्क फोर्स (STF) के साथ मिलकर जिले के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में दबिश दी। यह अभियान सुबह 5 बजे से शुरू हुआ और इसके तहत कई ऐसे मकानों, झुग्गियों और अस्थायी ठिकानों की तलाशी ली गई जहां संदिग्ध व्यक्तियों के छिपे होने की सूचना थी।

कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए जिनके पास न तो कोई वैध पहचान पत्र था, न ही निवास अथवा कार्य से संबंधित प्रमाण। इन लोगों के विरुद्ध तत्काल वैधानिक कार्यवाही कर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।

एसपी की चेतावनी – “अब कबीरधाम में बिना सत्यापन का ठिकाना नहीं”

पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (IPS) ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह केवल एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक चेतावनी है। जो लोग अब भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे छिपे हुए हैं, वे या तो स्वयं सामने आएं या फिर एसटीएफ की सख्त कार्रवाई का सामना करें।

पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने कहा, “यह अभियान सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक कड़ा संदेश है, जो लोग छिपे हैं, वे सामने आ जाएं, अन्यथा पुलिस की कार्रवाई से बचना नामुमकिन है। कबीरधाम जिले की सीमा में अब बिना दस्तावेज़, बिना सत्यापन के कोई भी नहीं रह सकेगा।”

दो मामलों में नौ आरोपी नामजद, देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े हैं तार

इस अभियान में दो अलग-अलग इस्तगासों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं। पहले प्रकरण में ऐसे लोग शामिल हैं जो अन्य राज्यों से आकर बिना किसी वैध दस्तावेज़ के जिले में रह रहे थे।

पहले मामले (इस्तगासा क्रमांक 10/2025, धारा 128 BNSS) में नामजद आरोपियों में शामिल हैं शमीम खान, जो उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के अटरिया निवासी हैं। इनके साथ करमवीर, धरमवीर और अशोक नायक – ये तीनों कासगंज (उ.प्र.) से आए हुए हैं। इसके अतिरिक्त जीवन पलार (पश्चिम बंगाल) और सूर्या समलकर (भंडारा, महाराष्ट्र) भी अवैध रूप से जिले में निवासरत पाए गए।

दूसरे मामले (इस्तगासा क्रमांक 39/94/2025, धारा 170, 126, 135(3) BNSS) में नामजद आरोपी हैं दीपक साहू, जो बेमेतरा जिले के बेरला निवासी हैं और वर्तमान में कडरापारा, कवर्धा में रह रहे थे। इनके साथ अनिल शिव सारथी (अटल आवास, कवर्धा) और दीपक चौहान (जमातपारा, कवर्धा) के विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज किया गया है। ये तीनों बिना वैध दस्तावेज़ और सत्यापन के संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए गए।

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किरायेदार सत्यापन अब अनिवार्य – 20 मई अंतिम तिथि, डिजिटल सुविधा शुरू

कबीरधाम पुलिस ने जिले में किरायेदारों के सत्यापन को अब पूरी तरह अनिवार्य कर दिया है। नागरिकों की सुविधा के लिए एक QR कोड आधारित ऑनलाइन फॉर्म की शुरुआत की गई है, जिसकी मदद से मकान मालिक अब घर बैठे मोबाइल से ही सत्यापन कर सकते हैं। पुलिस महानिरीक्षक, राजनांदगांव रेंज अभिषेक शांडिल्य और एसपी धर्मेन्द्र सिंह के निर्देश पर यह डिजिटल व्यवस्था साइबर सेल के तकनीकी मार्गदर्शन में लागू की गई है।

QR कोड से किरायेदार सत्यापन: अब प्रक्रिया हुई आसान, सुरक्षित और त्वरित

कबीरधाम पुलिस ने किरायेदार सत्यापन को तकनीकी रूप से सरल और सुगम बना दिया है। अब किसी को थाने जाने की ज़रूरत नहीं है। पुलिस द्वारा जारी विशेष QR कोड को मोबाइल से स्कैन करके यह पूरी प्रक्रिया घर बैठे पूरी की जा सकती है।

इस डिजिटल व्यवस्था के तहत मकान मालिक को एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है, जिसमें तीन हिस्सों में जानकारी दर्ज करनी होती है। पहले भाग में मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता और मोबाइल नंबर भरना होता है। दूसरे भाग में किरायेदार का नाम, स्थायी पता, पहचान पत्र विवरण (जैसे आधार या मतदाता पहचान पत्र) तथा पासपोर्ट साइज फोटो और पहचान पत्र की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होती है। तीसरे और अंतिम भाग में किरायेदार के साथ रहने वाले परिजनों के नाम, रिश्ते और उम्र की जानकारी दी जाती है।

फॉर्म सबमिट करते ही सारी जानकारी सीधे कबीरधाम पुलिस के डिजिटल सिस्टम में सुरक्षित रूप से दर्ज हो जाती है। इससे न सिर्फ जांच प्रक्रिया तेज होती है, बल्कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान समय रहते की जा सकती है।

कबीरधाम पुलिस ने इसे नागरिकों की सुविधा और जिले की सुरक्षा के लिए एक अहम कदम बताया है, और सभी मकान मालिकों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया को 20 मई तक अनिवार्य रूप से पूरा करें।

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पुलिस की चेतावनी – बिना सत्यापन किराए पर रखने वालों पर भी होगी सख्त कार्रवाई

जिला पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी मकान मालिक, व्यापारी या ठेकेदार किसी व्यक्ति को बिना सत्यापन के आश्रय या रोजगार देता है, तो उसके विरुद्ध भी क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह व्यवस्था केवल पुलिस नहीं, पूरे समाज की सुरक्षा के लिए लागू की गई है।

समाज की सुरक्षा में हर नागरिक की भागीदारी ज़रूरी – पुलिस की अपील

कबीरधाम पुलिस ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे 20 मई तक अपने किरायेदारों का सत्यापन अनिवार्य रूप से करवाएं। यह कदम न सिर्फ अपराध रोकने में मददगार होगा, बल्कि समाज में पारदर्शिता और सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करेगा।

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News Desk

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