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विधानसभा में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने उठाए बिलासपुर-तखतपुर-पोंड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में लापरवाही से लेकर राशन, महिला कल्याण और दिव्यांग सहायता तक के मुद्दे

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने अपने क्षेत्र की विभिन्न जनसमस्याओं और योजनाओं की प्रगति को लेकर गंभीर मुद्दे सदन के समक्ष उठाए। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग-130 की खराब स्थिति, राशन वितरण में चुनौतियां, महतारी वंदन योजना में भुगतान संबंधी समस्याएं, पोषण आहार हेतु समूह चयन की प्रक्रिया और दिव्यांगजनों को उपकरण वितरण जैसे अहम विषय शामिल थे।

बिलासपुर-तखतपुर-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग की दयनीय स्थिति पर ध्यानाकर्षण

विधायक भावना बोहरा ने बिलासपुर-तखतपुर-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग-130 की खराब हालत, निर्माण कार्य में ठेकेदारों की लापरवाही और गुणवत्ता की अनदेखी को लेकर सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि सड़क की जर्जर हालत के चलते आमजन को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र की सड़कें भी पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित होने में हो रही देरी के कारण बदहाल स्थिति में हैं, वहीं बायपास मार्ग का निर्माण भी अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ रहा है। विधायक बोहरा ने मांग की कि कार्यों को शीघ्रता एवं गुणवत्ता के साथ पूरा कराया जाए और लापरवाह ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

इस पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आश्वासन दिया कि सड़क निर्माण कार्यों की समीक्षा कर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

राशन वितरण की समीक्षा: तीन माह का चावल एकमुश्त देने की प्रगति पर सवाल

विधायक भावना बोहरा ने सवाल उठाया कि राज्य में तीन माह का राशन एकमुश्त देने के लिए कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया है और अब तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है?

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने लिखित उत्तर में बताया कि राज्य सरकार ने कोई निश्चित लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है, बल्कि राशनकार्डधारियों की पात्रता के अनुसार प्रतिमाह आबंटन किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 31 जुलाई 2025 तक वितरण की समयसीमा बढ़ाई गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि राशन के भंडारण हेतु उचित मूल्य दुकानों में चक्रानुक्रम में भंडारण किया गया है और जिन क्षेत्रों में भंडारण स्थान उपलब्ध नहीं हैं, वहाँ पंचायत भवन और सामुदायिक भवनों का उपयोग किया गया है। 1 जून से 30 जून 2025 के दौरान राशन वितरण से जुड़ी 269 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 231 का निराकरण किया जा चुका है।

महतारी वंदन योजना: पात्र महिलाओं की संख्या और भुगतान संबंधी शिकायतें

भावना बोहरा ने पूछा कि पंडरिया विधानसभा अंतर्गत कितनी महिलाओं ने योजना में आवेदन किया, कितनों को लाभ मिला और कितनी राशि वितरित की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि योजना के लिए 20 फरवरी 2024 तक 1,25,174 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 1,24,841 महिलाएं पात्र पाई गईं। जून 2025 तक पात्र महिलाओं की संख्या 1,23,925 है।

मंत्री ने यह भी बताया कि समय पर भुगतान, तकनीकी त्रुटियां या भ्रष्टाचार से जुड़ी कोई शिकायत लंबित नहीं है। सभी शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। हालांकि, 20 फरवरी 2024 के बाद से नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे, और नए आवेदन प्रक्रिया पुनः कब शुरू होगी, इस पर कोई स्पष्ट समयसीमा तय नहीं है।

पोषण आहार प्रदाय में महिला स्व सहायता समूहों के चयन पर उठे सवाल

विधायक भावना बोहरा ने यह भी प्रश्न उठाया कि पोषण आहार (गर्म भोजन) प्रदाय के लिए महिला समूहों का चयन किस आधार पर हुआ और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता क्यों नहीं रही?

इसके उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बताया कि कबीरधाम जिले में 1 मार्च 2024 से जून 2025 तक 889 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्म भोजन प्रदाय किया गया है। चयन परियोजना स्तर पर स्थानीय परिस्थितियों और समूहों की सहमति से किया गया, लेकिन किसी प्रकार की सार्वजनिक विज्ञप्ति या अधिसूचना जारी नहीं की गई। यह जवाब उठाए गए पारदर्शिता और समान अवसर के प्रश्नों को पूरी तरह संतुष्ट नहीं करता, जिससे इस मुद्दे पर और बहस की संभावना बनी हुई है।

दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण की स्थिति पर जानकारी

विधायक भावना बोहरा ने पंडरिया क्षेत्र में दिव्यांगजनों को उपकरण वितरण की स्थिति, चयन प्रक्रिया और पात्रता मापदंडों पर भी प्रश्न उठाया। विभागीय मंत्री ने बताया कि पंडरिया विधानसभा अंतर्गत 1 जनवरी 2024 से जून 2025 तक 126 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 122 दिव्यांगजनों को उपकरण वितरित किए गए हैं। शेष 4 आवेदनों पर कार्य प्रगति पर है।

विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्रायसायकल, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, स्मार्ट फोन, स्मार्ट केन, बेल किट, एमआर किट, सीपी चेयर आदि वितरित किए जाते हैं। पात्रता के लिए न्यूनतम 40% दिव्यांगता अनिवार्य है, जबकि कुछ विशेष उपकरणों हेतु यह सीमा अधिक रखी गई है।

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Ankita Sharma

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