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छत्तीसगढ़ में धरना-प्रदर्शन पर नई सख्ती: 7 दिन पहले लेनी होगी अनुमति

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब बिना अनुमति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर धरना-प्रदर्शन, जुलूस, सभा या रैली का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह नियम नगरीय क्षेत्रों में व्यक्तियों, समितियों, संस्थाओं और संगठनों पर लागू होंगे।

सात दिन पहले देनी होगी अनुमति के लिए अर्जी

निर्देशों के अनुसार आयोजन के लिए संबंधित नगरीय निकायों को कम से कम सात दिन पहले आवेदन देना अनिवार्य होगा। आवेदन के साथ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, थाना प्रभारी, जिला सेनानी होमगार्ड (अग्निशमन) और विद्युत विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। साथ ही निर्धारित शुल्क का भुगतान भी करना पड़ेगा।

आवेदन पत्र में आयोजन का उद्देश्य, तिथि, समय, स्थान का नक्शा, सुरक्षा और स्वच्छता योजना का विवरण अनिवार्य रूप से देना होगा। आयोजकों को स्व-घोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।

पंडाल और अस्थायी संरचनाओं पर कड़े नियम

नए नियमों के तहत पंडाल या अस्थायी संरचनाओं को स्थिर, सुरक्षित और यथासंभव अग्निरोधी सामग्री से बनाया जाना जरूरी होगा। संरचनाओं में ज्वलनशील सामग्री का प्रयोग न्यूनतम करना होगा। जहां आयोजन होगा वहां CCTV कैमरे लगाने की भी व्यवस्था करनी होगी।

संरचनाएं इतनी मजबूत होनी चाहिए कि वे वायु-दाब और आगंतुकों के दबाव को सहन कर सकें। जटिल या विशाल पंडालों के लिए संरचनात्मक स्थायित्व का प्रमाण-पत्र अनिवार्य होगा।

अनुमति निरस्त करने का अधिकार

नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि अनुमति मिलने के बाद भी आयुक्त या मुख्य नगर पालिका अधिकारी किसी भी समय इसे निरस्त कर सकते हैं। आयोजन में अतिरिक्त शर्तें जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की सहमति से जोड़ी जा सकती हैं।

Ankita Sharma

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