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पीएम मोदी पहुंचे मॉस्को, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत, आज रात पुतिन संग करेंगे डिनर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (8 जुलाई) को रूस के मॉस्को पहुंचे. मॉस्को के हवाईअड्डे पर पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर देकर भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान रूस के कई नेता और सैन्य अधिकारी वहां मौजूद रहे. पीएम मोदी रूस के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं. वह मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. ये शिखर सम्मेलन तीन सालों बाद हो रहा है. कोरोना महामारी के चलते ये तीन साल तक टलता रहा.

यूक्रेन में संघर्ष के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहता है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मॉस्को में 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में 9 जुलाई को होने वाली वार्ता से पहले सोमवार की रात भारतीय प्रधानमंत्री के लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे.

2019 के बाद पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से यह भारतीय प्रधानमंत्री की रुस की पहली यात्रा है. यह, 2019 के बाद से पीएम मोदी की रूस की पहली और अपने तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा भी है. नौ जुलाई को रूस में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे.

यह, 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी. मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे. मोदी ने एक बयान में कहा, ”भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं.’’

रूस दौरे से पहले क्या बोले पीएम मोदी?

उन्होंने कहा, ‘‘मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशान्वित हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहायोगात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं.’’

भारत, रूस के साथ अपनी ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ का पुरजोर बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद उसने संबंधों में गति बनाए रखा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उन्हें रूस में जीवंत भारतीय समुदाय से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी।

News Desk

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